WHO की चेतावनी, महामारी बढ़ी तो हर साल 20 लाख से भी ज्यादा मरे हुए बच्चे पैदा होंगे ताइवान के विदेश मंत्रालय ने ट्वीट कर कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। यहां लोगों को आजादी पसंद हैं। मगर ऐसा लगता है कि कम्युनिस्ट चीन इस पर सेंसरशिप थोपना चाहता है। ताइवान के भारतीय दोस्तों का एक ही जवाब होगा- भाड़ में जाओ।’ गौरतलब है कि भले ही चीनी सरकार लगातार शांति की बातें करती हो मगर चीन अपनी मीडिया के जरिए धमकी देना और डराने का काम हमेशा से ही करता आया है। भारत से सीमा विवाद के मामले में भी जिनपिंग सरकार लगातार शांति की बातें करती रही है। वहीं सरकारी मीडिया धमकी और युद्ध करने की बातें करती रही है।
भारतीय मीडिया को एक पत्र भेजा चीन के मिशन ने भारतीय मीडिया को एक पत्र भेजा है। इसमें लिखा है कि आपको याद दिलाना चाहेंगे कि दुनिया में सिर्फ एक चीन है। ताइवान को स्वतंत्र देश की तरह पेश नहीं किया जाए। इसके साथ साई इंग-वेन को भी राष्ट्रपति न बताया जाए। इससे आम लोगों में गलत संदेश जाएगा।
इस चिट्ठी के अनुसार ताइवान चीन का अभिन्न है। चीन के साथ डिप्लोमेटिक संबंध रखने देशों को ‘वन चीन’ पॉलिसी का पूरी ख्याल रखना चाहिए। चीन की बौखलाहट बढ़ी गौरतलब है कि भारत-चीन सीमा पर तनाव के बाद से ही भारत सरकार ने भी सक्रिय होकर हांगकांग और ताइवान में मानवाधिकार उल्लंघन के मुद्दों को अंतरराष्ट्र्रीय मंचों पर उठाना शुरू कर दिया है। इसी क्रम में ताइवान के नेशनल डे का कुछ भारतीय मीडिया संस्थानों ने कवरेज करने का ऐलान किया है। इसे भारतीय न्यूज चैनलों से जड़े कार्यक्रमों को दिखाया जाएगा। इससे चीन की बौखलाहट बढ़ गई है।