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बलूचिस्‍तान के जिक्र से चिढ़ा चीन, कहा- सब्र खो चुके हैं मोदी

बलूचिस्‍तान और पीओके का मुद्दा उठाए जाने से नाराज चीन ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि मोदी अपना सब्र खो चुके हैं

Aug 30, 2016 / 09:59 am

सुनील शर्मा

Chinese foreign minister vang li with Sushma-Swara

Chinese foreign minister vang li with Sushma-Swaraj

बीजिंग। पीएम मोदी द्वारा 15 अगस्त के भाषण में बलूचिस्‍तान और पाकिस्‍तान अधिकृत कश्‍मीर (पीओके) का मुद्दा उठाए जाने से नाराज चीन ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि मोदी अपना सब्र खो चुके हैं और उन्‍होंने बैर के पूर्वानुमानित कट्टर लहजे को अपना लिया है।

चीन के सरकारी अखबार ग्‍लोबल टाइम्‍स की एक रिपोर्ट के अनुसार पीएम मोदी पर आरोप लगाते हुए कहा गया है कि वह कश्मीर के तनावपूर्ण माहौल से लोगों का ध्यान हटाने के लिए बलूचिस्तान और PoK का मुद्दा उठा रहे हैं।

‘मोदी के उकसावे वाली कार्रवाई से भारत पर बढ़ता खतरा’ टाइटल वाली इस रिपोर्ट में पीओके के आतंकवाद से पीड़ित लोगों को पांच लाख रुपये की सहायता राशि देने के मोदी सरकार के संभावित कदम को रिपोर्ट में उकसावे वाली कार्रवाई बताया गया और कहा गया है कि भारत-पाकिस्‍तान के रिश्‍तों को फिर से जीवंत बनाने की अनिच्छुक कोशिशों के बाद मोदी ने सब्र खो दिया है और उन्‍होंने बैर के पूर्वानुमानित कट्टर लहजे को अपना लिया है।



रिपोर्ट में कहा गया है कि इससे भी ज्‍यादा अहम यह है कि पाकिस्‍तान की तरफ के कश्‍मीरी इस मुआवजे का दावा कर सकते हैं। सिर्फ यही उकसावे वाली कार्रवाई नहीं है। 15 अगस्‍त को स्‍वतंत्रता दिवस पर उनका (मोदी का) भाषण भी ऐसा ही एक कदम था।

चीनी अखबार के मुताबिक रिपोर्ट में सवाल उठाया गया है कि जब भारत, बलूचिस्‍तान में अपनी किसी भी तरह की भूमिका के बारे में खंडन करता रहा है तब मोदी क्‍यों सार्वजनिक तौर पर इसका जिक्र करते हैं? कश्‍मीर पर भी, वह इतना उकसावे वाला कदम क्‍यों उठाते हैं जब उन्‍हें पता है कि पाकिस्‍तान की प्रतिक्रिया निश्चित तौर पर दुनिया का ध्‍यान उधर खींचेगी और वह चाहते हैं कि अंतरराष्‍ट्रीय मंच पर यह मुद्दा नहीं उठे? इसमें आश्‍चर्य की बात नहीं कि मोदी घाटी में चल रही चीजों से दुनिया का ध्‍यान हटाने की कोशिश कर रहे हैं।



गौरतलब है कि पीएम मोदी ने 15 अगस्त को लाल किले से देश को संबोधित करते हुए पीओके तथा बलूचिस्तान में पाक सेना द्वारा चलाई जा रही दमनकारी गतिविधियों का उल्लेख किया था। उनके इस भाषण की बलूच नेताओं ने सराहना की थी तथा पाक के झंड़े जलाए थे। इसके बाद पाकिस्तान ने तीव्र प्रतिक्रिया देते हुए इसे आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप बताया था।

पीएम के बयान पर चीन ने दी भारत को धमकी
चीनी थिंकटैंक्स ने भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी की ओर से बलूचिस्तान में मानवाधिकारों के खराब हालात पर चिंता जाहिर करने को गंभीर विषय माना है। थिंकटैंक ने कहा है कि अगर इसका असर बलूचिस्तान में चीन-पाकिस्तान-इकॉनोमिक कॉरिडोर (सीपीईसी) प्रोजेक्ट पर पड़ा तो चीन और पाकिस्तान एक मिलकर भारत के खिलाफ कदम उठाएंगे।

चाइना इंस्टीट्यूट ऑफ कंटेंपररी इंटरनेशनल रिलेशंस के इंस्टीट्यूट ऑफ साउथ एंड साउथ-ईस्ट एशियन एंड ओसिनियन स्टडीज के निदेशक हू शीशेंग ने कहा किहू ने कहा कि चीन को डर है कि भारत, पाकिस्तान के अशांत बलूचिस्तान प्रांत में सरकार विरोधी गतिविधियों का असर सीपीईसी प्रोजेक्ट पर होगा। चीन इस प्रोजेक्ट के तहत बलूचिस्तान में 46 अरब डॉलर का निवेश कर रहा है। भारत वही तरीका अपना सकता है, जो उसके हिसाब से पाकिस्तान, भारत के मामलों में अपना रहा है। साफ है कि इसका असर सीपीईसी प्रोजेक्ट पर होगा। ऐसे में चीन को इस मामले में दखल देना पड़ेगा।

चीन को कड़ा संदेश देने के मूड में पीएम
सितंबर में चीन में होने वाली जी20 समिट से पहले पीएम मोदी चीनी के कट्टर प्रतिद्वंद्वी वियतनाम का दौरा करेंगे। पीएम की इस यात्रा को दक्षिण पूर्व एशिया में भारत की पैठ बढ़ाने की तरफ एक कदम भी माना जा रहा है। ऐसा माना जा रहा है कि भारत की तरफ से वियतनाम की सेना को अतिरिक्त सहायता मुहैया कराने का ऑफर भी दिया जा सकता है। इस मदद का उद्देश्य दक्षिणपूर्वी एशिया में भारत की सैन्य ताकत को बढ़ाना होगा।

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