चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग ने कहा कि अमरीकी राजदूत ने हाल ही में तिब्बत का दौरा किया और वहां के अधिकारियों ने भी उनसे मुलाकात की। वह स्थानीय समुदायों, शैक्षिक और सांस्कृतिक संस्थानों के साथ-साथ धार्मिक स्थलों के लोगों से भी मिले। लू कांग ने कहा कि चीन ने अमरीका को अपनी धार्मिक और जातीय नीतियों के बारे में और तिब्बत में सामाजिक-आर्थिक विकास के बारे में भी जानकारी दी। अधिकारियों और पत्रकारों को तिब्बत तक पहुंचने से वंचित करने वाले चीनी अधिकारियों को बीते साल, वाशिंगटन ने कानून बनाकर वीजा देने से इनकार कर दिया था। इसके बाद ब्रैनस्टैड 2015 के बाद से तिब्बत का दौरा करने वाले पहले अमरीकी दूत रहे। तिब्बत चीन का अशांत क्षेत्र है, जो विदेशी पत्रकारों और राजनयिकों की पहुंच से आम तौर से दूर रहता है। बीजिंग तिब्बत में दलाई लामा को परेशानी पैदा करनेवाले व्यक्ति के रूप में देखाता है। दलाई लामा 1959 में एक असफल विद्रोह के बाद भारत आ गए थे।