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चीन के स्वदेशी एंफीबियस विमान ने भरी पहली उड़ान, 500 किमी प्रति घंटा होगी रफ्तार

locationनई दिल्लीPublished: Dec 24, 2017 11:10:17 pm

Submitted by:

Prashant Jha

इसस विमान उड़ान से एशिया प्रशांत क्षेत्र के देशों और अमरीका की चिंता बढ़ा दी है। क्योंकि चीन लगातार इस क्षेत्र पर दावा जताता रहा है।

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बीजिंग: चीन के पहले एंफीबियस विमान ने रविवार को अपनी पहली उड़ान पूरी की। विमान ने दक्षिण चीन सागर के विवादित तटीय शहर झुहाई से उड़ान भरी। इस विमान को दुनिया का सबसे बड़ा विमान माना जा रहा है। चीन सैन्य क्षमता बढ़ाने में जुटा हुआ है और इस विमान की सफल उड़ान से चीन की शक्ति में वृद्धि होगी। इसस विमान उड़ान से एशिया प्रशांत क्षेत्र के देशों और अमरीका की चिंता बढ़ा दी है। क्योंकि चीन लगातार इस क्षेत्र पर दावा जताता रहा है।
एक घंटे तक भरेगी उड़ान

विमान एजी600 ने सफलतापूर्वक जिनवान असैन्य हवाईअड्डे से उड़ान भरी। इसका कूट नाम ‘कुनलांग’ है। यह उड़ान एक घंटे तक चली। ग्वांगदोंग प्रांत में झुहाई एक बंदरगाह है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, एजी600 के चीफ डिजाइनर हुआंग लिंगकाई ने कहा, “इस सफल उड़ान ने चीन को दुनिया के बड़े एंफीबियस विमान विकसित करने में सक्षम कुछ देशों में शुमार कर दिया है।”
53 टन भार वहन करेगा विमान

विमान को विकसित करने वाले सरकारी एविएशन इंडस्ट्री कॉरपोरेशन चाइना (एवीआईसी) ने कहा कि विमान चार घरेलू टर्बोप्राप इंजन द्वारा संचालित है और इसका ढांचा 39.6 मीटर लंबा है।एवीआईसी सूत्रों के अनुसार, एंफीबियस विमान अधिकतम 53.5 टन भार वहन कर सकता है और इसकी रफ्तार 500 किमी प्रति घंटा है। विमान एक बार में 12 घंटे तक उड़ान भर सकता है।
17 विमानों का आर्डर

इस विमान को तैयार करने में 8 साल लगे हैं। यह विमान बोइंग 737 के आकार के बराबर है । इस विमान को समुद्री बचाओ अग्निश्मान के साथ सैन्य सेवाओं में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। चीन ने ऐसे 17 विमानों का आर्डर दिया है। यह विमान जमीन और पानी दोनों से उड़ान भर सकता है।
घरेलू तकनीक का इस्तेमाल

चीन इस विमान को बनाने के लिए घरेलू तकनीक का इसे्तमाल किया है। इस सफल उड़ान ने चीन को दुनिया के बड़े एंफीबियस विमान विकसित करने में सक्षम कुछ देशों में शुमार कर दिया है।”
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