scriptहिंद महासागर में दखल देने की कोशिश में लगा China, भारत समेत एशियाई देशों के लिए बड़ा खतरा | Chinese army is preparing to increase its penetration in Indian Ocean! | Patrika News

हिंद महासागर में दखल देने की कोशिश में लगा China, भारत समेत एशियाई देशों के लिए बड़ा खतरा

locationनई दिल्लीPublished: Jun 27, 2020 03:52:36 pm

Submitted by:

Mohit Saxena

Highlights

फॉर्ब्स पत्रिका (Forbes Magzine) के अनुसार चीन आने वाले समय में हिंद महासागर में अपने युद्ध पोत और पनडुब्बियां भेज सकता है।
चीन हिंद महासागर (Indian Ocean) में अपनी पनडुब्बियां तैनात करता है तो भारत से युद्ध की परिस्थिति उत्पन्न होगी।

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साइलेंट किलर आईएनएल वेला भारतीय नौ सेना में तैनात

बीजिंग। चीन (China) अपनी कूटनीतिक चालों और आक्रमक रवैये से पूरी दुनिया में बदनाम हो चुका है। कोरोना वायरस (Coronavirus) से लेकर भारत की गलवान घाटी ( Galwan valley) तक चीन के मंसूबे सबके सामने आ चुके हैं। चीन ना सिर्फ भारत को परेशान कर रहा है बल्कि कई देशों को अपनी विस्तारवादी सोच का शिकार बना रहा है।
फॉर्ब्स पत्रिका के अनुसार चीन आने वाले समय में हिंद महासागर (Indian Ocean) की ओर अपनी युद्ध पोत और पनडुब्बियों (Chinese submarines) का रुख मोड़ सकता है। अगर चीन ऐसा करता है तो इससे दुनिया की चिंताएं बढ़ सकती हैं। रिपोर्ट के अनुसार अगर चीन हिंद महासागर में अपनी पनडुब्बियां तैनात करता है तो भारत से युद्ध की परिस्थिति उत्पन्न होगी। हालांकि इसे देखते हुए अमरीका ने एशिया में सैनिकों की तैनाती का ऐलान कर दिया था।
चीन सागर पर खतरा

अमरीका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने चीनी कम्युनिस्ट पार्टी को भारत समेत एशिया के अन्य देशों के लिए बड़ा खतरा बताया है। उन्होंने कहा कि हम यह सुनिश्चित करेंगे कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (चीनी सेना) को काउंटर करें। वर्तमान समय में चीन का सबसे ज्यादा ध्यान चीनी सागर पर है और फिलहाल हिंद महासागर को पर उसका ध्यान कम है।
चीनी सागर पर है चीन का ध्यान

रिपोर्ट के अनुसार शांति के समय चीन की पनडुब्बियां स्ट्रेट ऑफ मलक्का के जरिए हिंद महासागर में प्रवेश कर सकती हैं। हालांकि इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि चीन अभी भारत को संदेश देने के लिए अभी ऐसा कर सकता है लेकिन इस समय दुनिया की निगाह भारत—चीन के सीमा विवाद को लेकर उठ खड़े हुए विवाद पर बनी हुई है।
युद्ध के दौरान चीन यह मार्ग अपना सकता है

चीन के हिंद महासागर में प्रवेश करना आसाना है। इंडोनेशियाई श्रृंखला सुंडा स्ट्रेट या लोक्बोक स्ट्रेट प्रशांत और हिंद महासागर को अलग करते हैं। सिंगापुर से सटे मलक्का स्ट्रेट से यह फायदा है कि इससे पनडुब्बियां पूर्वी महासागर के गहरे पानी में जा सकतीं हैं। इसके बाद वहां से वे अपने लक्ष्य पर आसानी से प्रहार कर सकती है। रिपोर्ट के अनुसार सुंडा स्ट्रेट सबसे सकरा रास्ता है और यहीं से चीन अपनी घुसपैठ की कोशिशों को अंजाम दे सकता है। एक बार हिंद महासागर में घुसने के बाद, पनडुब्बियों को चीन लौटाए बिना वहां पुनः स्थापित किया जा सकता था। मालूम हो कि चीनी नौसेना ने पहले ही अफ्रीका के जिबूती में एक बेस बनाया है।
इन देशों में अपनी सैन्य ताकत बढ़ाई

चीन ने पाकिस्तान में मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई है। यहां पर ग्वादर बंदरगाह का इस्तेमाल अपने फायदे के लिए वह करता है। ग्वादर बंदरगाह चीन के हित में आता है, क्योंकि यह चीन की जमीन से जुड़ा रहता है। वहीं, यदि हिंद महासागर में चीन एक स्थायी स्क्वाड्रन बनाता है तो फिर, उसके प्राकृतिक आधार ग्वादर और जिबूती होंगे। मालदीव में एक छोटा सा द्वीप भी है। इसे चीन रिसोर्ट के रूप में विकसित कर रहा है।
वहीं, चीन को जवाब देने केे लिए भारत की सेना भी पूरी तरह से तैयार है। भारतीय नौसेना लगातार अपनी क्षमताओं को बढ़ा रही हैं और खतरे का मुकाबला करने के लिए अपनी रणनीति पर काम कर रही है। इस बात के प्रमाण हैं कि भारत अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में पनडुब्बियों की तैनात करने की तैयारी कर रहा है।

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