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मालदीव के चुनाव में चीन की कंपनी ने संभाला प्रशासनिक कार्य, भारत की चिंताएं बढ़ीं

locationनई दिल्लीPublished: Sep 22, 2018 10:28:24 am

भारत मालदीव के चुनावों में बढ़ते चीनी दखल पर अपनी नजर बनाए हुए है

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मालदीव के चुनाव में चीन की कंपनी ने संभाला प्रशासनिक कार्य, भारत की चिंताएं बढ़ीं

माले। मालदीव के चुनाव में चीन की एक कंपनी के प्रशासनिक कार्य संभालने से भारत की चिंताएं बढ़ गई हैं। पिछले कुछ समय से मालदीव में चीन का दखल लगातार बढ़ रहा है। खुद मालदीव भारत से लगातार दूरी बढ़ा रहा है। ऐसे में चीनी कम्पनी के मालदीव चुनाव में दखल देने से भारत की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। मालदीव के चुनावों को लेकर राष्ट्रपति यामीन के ऊपर पहले ही पक्षपात के आरोप लग रहे हैं। मालदीव के विपक्षी दल भी चीन की कंपनी के चुनावों में दखल के कारण चुनावों के प्रभावित होने की आशंका जता चुके हैं।

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चीन के प्रभाव में मालदीव

मालदीव के चुनावों में चीन के दखल के बाद भारत इन चुनावों पर नजर रखे हुए है। बता दें कि मालदीव में 23 सितंबर को चुनाव के लिए मतदान होना है। उधर पक्षपात के आरोपों के बाद भी राष्ट्रपति यमीन ने चीन की एक कंपनी को प्रशासनिक काम संभालने का जिम्मा सौंप दिया है। चीन की कंपनी का काम वोटर्स के नैशनल रजिस्ट्रेशन का काम संभालना है। बता दें कि मालदीव में डिपार्टमेंट ऑफ नैशनल रजिस्ट्रेशन ही मतदाताओं को पहचान पत्र देने का काम करती है। विपक्षी दलों ने आरोप लगाया है कि मालदीव चुनाव में इस कंपनी को लाने का उद्देश्य ही यही है कि चुनाव में यामीन फिर से जीत जाएं।

चुनाव आयोग राष्ट्रपति यामीन के कब्जे में

यामीन ने कुछ दिन पहले ही अहमद शरीफ को मालदीव के चुनाव आयोग का अध्यक्ष बना दिया। अहमद शरीफ चुनाव आयोग प्रमुख बनने से पहले तक सरकार के समर्थक सदस्य थे। मार्च में उनकी चुनाव आयोग में नियुक्ति हुई। चुनाव आयोग का अध्यक्ष बनने से कुछ दिन पहले ही उन्होंने कहा था कि यामीन सरकार के आर्थिक सुधारों के आगे विपक्षी पार्टियों के दावे खोखले हैं।

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भारत की चिंताएं

भारत मालदीव के चुनावों में बढ़ते चीनी दखल पर अपनी नजर बनाए हुए है। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि हम उम्मीद कर रहे हैं कि मालदीव में चुनाव इस बार पूरी तरह से निष्पक्ष और शांतिपूर्ण तरीके से होंगे। मालदीव चुनाव पर भारत के विशेष रूचि दिखने का कारण यह है कि राष्ट्रपति यामीन के सत्तासीन होने के बाद मालदीव लगातार भारत से दूर और चीन के करीब होता जा रहा है।

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