PM मोदी ने चीन सरकार की मांग ठुकराई, भारतीय कंपनियों ने किया स्वागत चीन की समाचार एजेंसी ने अपनी बात पर जोर देते हुए कहा कि भारत में हाल ही में हुए माॅब लिंचिंग की घटना के बाद से ये परिणाम सामने आए हैं। इसके अलावा नोटबंदी और जीएसटी का लोगों के बीच असफल होना भी एक कारण बताया जा रहा है। शिन्हुआ ने बताया कि ऐसे कई मुद्दे हैं जिन पर विश्लेषण हुआ और अनुमान लगाया गया कि भारत में आम चुनाव तय समय से भी पहले हो सकते हैं।
अभी हाल ही में देश के कई राज्यों उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, राजस्थान और बिहार में हुए चुनावों में भी भाजपा की लोकप्रियता कम देखी गई। एजेंसी ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता में भी काफी गिरावट आई है, इसका उदाहरण लोकनीति और सीएसडीएस का सर्वे है।
चीनी एजेंसी ने एक मीडिया रिपोर्ट का सामने लाते हुए बताया कि भाजपा को भी ये डर है कि आगामी आम चुनाव के लिए पार्टी दलित और ओबीसी वोटरों का विश्वास जीतने में असफल होगी। वहीं चीन के कई ऐसे विशेषज्ञ भी हैं जो ये मानते हैं कि पीएम मोदी दूसरी बार भी सत्ता में लौटेंगे। लेकिन कुछ का मानना है कि भाजपा का स्थिती इस बार अपेक्षा से ज्यादा कमजोर होगी। एजेंसी ने उपचुनावों का भी उदाहरण देते हुए कहा, भाजपा के उम्मीदवारों की हार से लोगों के बीच पार्टी का मोहभंग हो रहा है।
बता दें कि रिपोर्ट में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात का भी जिक्र किया गया है, जिसमें दोनों देशों के संबंधों के अच्छे और दूरगामी परिणाम बताए गए हैं। गौरतलब है कि इसी साल 28-29 अप्रैल को वुहान सम्मेलन से पीएम मोदी चीन के अधिकारियों के लिए लोकप्रिय नेता के रूप में सामने आए थे।