अब चीनी सेना ने इस मामले में हस्तक्षेप करने का प्रस्ताव पेश किया है। चीनी सेना ने कहा कि हांगकांग के अनुरोध पर चीनी सेना शहर में तैनात की जा सकती है।
चीनी सेना के प्रवक्ता का बयान
चीनी सेना की ओर से कहा गया कि कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए सरकार की अपील पर आर्मी तैनात की जा सकती है। चीनी सेना के प्रवक्ता वू किअन ने कहा कि रविवार को लीएजॉन ऑफिस को सीज करना असहनीय है। प्रवक्ता ने आगे कहा कि कार्यालय के साथ जो तोड़फोड़ की गई। उन्होंने आरोप लगाया कि उपद्रवियों सारी हदें पार कर दी और इसके साथ ही ‘एक देश, दो सिस्टम’ की निचली रेखा को भी चुनौती दी है।
हांगकांग की हर गतिविधि पर नजर
बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सेना के प्रवक्ता ने कहा,’हम हांगकांग में जारी गतिविधियों पर अपनी नजर बनाए हुए हैं। खासकर, 21 जुलाई को केंद्र सरकार के कार्यालय पर हुई घटना के बारे में हमें हर जानकारी है।’ बयान में आगे कहा गया,’कट्टरपंथी प्रदर्शनकारियों का कुछ व्यवहार केंद्र सरकार के अधिकार और ‘एक देश, दो प्रणालियों’ की निचली रेखा को चुनौती दे रहा है। यह असहनीय है।’
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आर्टिकल 14 और गैरिसन कानून हो सकता है लागू
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जब प्रवक्ता से पूछा गया कि वो इस स्थिति को कैसे संभालेंगे, इसके जवाब में वू ने कहा,’ऐसे मामलों में आर्टिकल 14 और गैरिसन कानून स्पष्ट नियम हैं।’ बता दें कि हांगकांग में बीते महीने से प्रत्यर्पण बिल को लेकर विरोध प्रदर्शन जारी है।
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क्या है मामला?इस बिल में प्रस्तावित प्रावधान के तहत हांगकांग के संदिग्धों और आरोपियों को चीन को प्रत्यर्पित करने का प्रावधान है। प्रदर्शनकारी इसे आजादी पर खतरा बताते हुए इसे वापस लेने की मांग कर रहे हैं। प्रदर्शन करने के बाद हांगकांग की नेता ने इस बिल को Dead करार दिया था।