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शी जिनपिंग की दुनिया को चेतावनी, ‘कोई देश हमें न बताए कि हमें क्या करना चाहिए क्या नहीं’

Published: Dec 18, 2018 04:00:14 pm

Submitted by:

Shweta Singh

उन्होंने कहा कि हमारी सफलता को देखते हुए ‘कोई भी इस स्थिति में नहीं है कि चीन को बता सके कि उसे क्या करना है या क्या नहीं करना है।’

बीजिंग। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने मंगलवार को सुधार अभियान के 40 वर्ष पूरे होने के मौके पर संकल्प लिया कि उनका देश दूसरे देशों के खर्चे पर विकसित नहीं होगा। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बीजिंग के तियानानमेन स्कवायर स्थित ग्रेट हॉल ऑफ द पीपुल से में शी ने भाषण दिया। बता दें कि साल 1978 में दिवंगत नेता डेंग शियाओपिंग ने ‘रिफोर्म एंड ओपनिंग अप’ अभियान की शुरुआत की थी जिसकी इस साल 18 दिसंबर को अभिपुष्टि की गई।

चीन की महान उपलब्धि की दी मिसाल

इस मौके पर राष्ट्रपति शी ने कहा कि चीन चाहे कितना भी विकास कर ले फिर भी देश कभी वैश्विक आधिपत्य की मांग नहीं करेगा। उन्होंने मानवता के साझा भविष्य के प्रति बीजिंग के योगदान को भी रेखांकित किया। शी ने अपने भाषण में अधिकतर समय बीते दशकों में चीन की प्रगति के उदाहरण दिए और इसे महान उपलब्धि करार देते हुए प्रशंसा की, जिसने आकाश और धरती को हिला कर रख दिया। उन्होंने कहा कि हमारी सफलता को देखते हुए ‘कोई भी इस स्थिति में नहीं है कि चीन को बता सके कि उसे क्या करना है या क्या नहीं करना है।’

चीन का महान कायाकल्प

इसके साथ ही उन्होंने विश्व की अच्छाई के प्रति कार्य के लिए चीन के प्रयासों पर जोर देते हुए कहा कि बीजिंग विश्व शांति का एक प्रचारक है, अंतर्राष्ट्रीय आदेशों का समर्थक है और जलवायु परिवर्तन से निपटने में एक अहम भूमिका निभा रहा है। शी ने डेंग के सुधारों को पिछली गलतियों के ‘बंधन को तोड़ने’ के रूप में वर्णित किया। उन्होंने कहा कि पिछले 40 साल चीन की विशेषताओं के साथ समाजवाद के लिए लंबी छलांग रहे हैं और इन्होंने आधुनिक समय में चीन का महान कायाकल्प किया है।

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