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पीओके में सीपीईसी को लेकर विरोध तेज, इसे सेना का प्रोजेक्ट करार दिया

Published: Nov 18, 2018 01:08:05 pm

Submitted by:

Mohit Saxena

कार्यकर्ताओं का आरोप है कि इलाकों के विकास की बजाय रणनीतिक लक्ष्यों के लिए इसका निर्माण किया जा रहा है।

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पीओके में सीपीईसी को लेकर विरोध तेज, इसे सेना का प्रोजेक्ट करार दिया

लाहौर। पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) और गिलगित बाल्टिस्तान इलाके से गुजरने वाले चीन पाकिस्तान इकनॉमिक कॉरिडोर (सीपीईसी) को लेकर विरोध तेज हो गया है। स्थानीय कार्यकर्ताओं ने इसे सेना का प्रॉजेक्ट बताते हुए विरोध किया है। कार्यकर्ताओं का आरोप है कि इलाकों के विकास की बजाय रणनीतिक लक्ष्यों के लिए इसका निर्माण किया जा रहा है। गौरतलब है कि विवादित इलाके से गुजरने वाले सीपीईसी को लेकर भारत हमेशा विरोध जताता रहा है।
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पाकिस्तान के अवैध कब्जे को खत्म करने की मांग की

मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के विभिन्न हिस्सों के कार्यकर्ताओ ने बाघ जिले में एकत्र होकर प्रदर्शन किया है। साथ ही पाकिस्तान के अवैध कब्जे को खत्म करने की मांग की है। ये प्रदर्शन यूनाइटेड कश्मीर पीपल्स नेशनल पार्टी (यूकेपीएनपी)के दो दिवसीय सम्मेलन के दौरान हुए हैं। कार्यकर्ताओं ने इस इलाके में बन रहे डैम और अन्य प्रॉजेक्ट्स का विरोध किया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि इनका लक्ष्य स्थानीय लोगों को विकास की प्रक्रिया से बाहर करना है।
निर्माण का भी विरोध किया

कार्यकर्ताओं ने अरबों डॉलर खर्च कर गिलगित बाल्टिस्तान से गुजरने वाले चीन पाकिस्तान इकनॉमिक कॉरिडोर (सीपीइसी) के निर्माण का भी विरोध किया है। यूकेपीएनपी फॉरेन अफेयर्स के पूर्व सेंट्रल सेक्रटरी जमील मकसूद के अनुसार उनका संगठन अन्य क्षेत्रीय राजनीतिक शक्तियों के साथ मिलकर अंतरराष्ट्रीय फोरम से मांग कर रहा है कि वे सीपीईसी की मदद से पाकिस्तान द्वारा बनाए जा रहे भय के वातावरण को खत्म करने के लिए अपने प्रभाव का इस्तेमाल करें।
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