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एटमी हथियारों को लेकर जुबानी जंग…भारत-पाक में परमाणु बटन किसके पास?

Published: Jan 05, 2018 12:02:51 pm

Submitted by:

Mohit sharma

अमरीका, भारत, पाकिस्तान, चीन समेत दुनिया के नौ देश ऐसे हैं जो परमाणु हथियारों की होड़ में शामिल हैं।

nuclear weapons

नई दिल्ली। उत्तर कोरिया के सनकी तानाशाह किम जोंग उन ने नए साल पर कहा था कि न्यूक्लियर बम का बटन हर वक्त उसकी टेबल पर होता है। जवाब में अमरीकी राष्ट्रपति ट्रंप ने ट्वीट कर किम जोंग उन को जवाब देते हुए लिखा कि मेरे पास भी उससे ज्यादा बड़ा और ताकतवर न्यूक्लियर बटन है और ये बटन काम भी करता है। खैर बहसबाजी जो भी हो, मगर यह हकीकत तो है ही कि दुनिया में परमाणु हथियारों की होड़ मची हुई है। अमरीका, भारत, पाकिस्तान, चीन समेत दुनिया के नौ देश ऐसे हैं जो परमाणु हथियारों की होड़ में शामिल हैं। चाहे वह किसी के लिए राजनीतिक मजबूरी हो या फिर अपनी सुरक्षा की चिंता। इन ताकतवर देशों के परमाणु बटन पर डालते हैं एक नजर…

सवाल. क्या वाकई में कोई परमाणु बटन होता है?

जवाब— अमरीका के राष्ट्रपति और उत्तर कोरिया के तानाशाह आए दिन न्यूक्लियर बटन के जरिए एक-दूसरे को तबाह करने की धमकी देते रहते हैं। हॉलीवुड की कई फिल्मों में भी इस तरह के बटन दिखाए गए हैं, लेकिन हकीकत यह है कि ऐसा कोई बटन नहीं होता, जिसे दबा देने से परमाणु हमला हो जाए।

सवाल. बटन नहीं तो फिर क्या?

जवाब— दरअसल अमरीका में एक ब्रीफकेस में परमाणु हमले का मॉड्यूल होता है। अमरीकी राष्ट्रपति जहां जाते हैं उनके साथ यह ब्रीफकेस जाता है। इसे ‘द फुटबॉलÓ भी कहते हैं। इस ब्रीफकेस में एटमी हमला करने के निर्देश और जिन जगहों को निशाना बनाना है, उसकी जानकारी होती है। इसस 900 परमाणु हथियारों से हमला संभव है। हमले के निर्देश देने से पहले राष्ट्रपति को अपनी पहचान एक कोड से वेरिफाई करनी होती है। ये कोड एक कार्ड पर लिखा होता है, इसे आमतौर पर ‘द बिस्किटÓ कहते हैं।

भारत में तो सही हाथों में पर पाक में खतरा…

अतंरराष्ट्रीय सुरक्षा मामलों के विशेषज्ञ समीर पाटिल का कहना है कि भारत में पीएम के हाथों में परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की कमान होती है। मगर, यह लोकतांत्रिक प्रक्रिया से होती है। संचालन एनसीए करता है, मगर एनएसए, तीनों सेनाओं के प्रमुख, स्ट्रैटजिक फोर्सेज कमान के प्रमुख सलाह देते हैं। ये बताते हैं कि कौन सा हथियार इस्तेमाल होना है। जबकि पाक में आर्मी प्रमुख मनमाने तौर पर फैसले ले सकते हैं, ऐसे में परमाणु हथियार वहां सुरिक्षत हाथों में नहीं हैं।

सवाल. अमरीका में बटन की कमान किसके हाथ में

जवाब— अमरीका में परमाणु अस्त्रों का पूरा नियंत्रण राष्ट्रपति के हाथ में है, जो वहां की नेशनल कमांड अथारिटी के अध्यक्ष भी हैं। नेशनल कमांड अथॉरिटी में रक्षामंत्री और संयुक्त सेनाओं के प्रमुख भी शामिल हैं, पर निर्णय राष्ट्रपति के हाथ में ही है।

जब बिल क्लिंटन ने खो दिया था ‘बिस्किट’

अमरीका के पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने अपना ‘बिस्किटÓ खो दिया था। उन्होंने महीनों तक शीर्ष अधिकारियों को इसकी जानकारी नहीं दी। बाद में उसे ढूंढ लिया गया, पर गोपनीय मसला होने की वजह से जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई।

सवाल. रूस में क्या है प्रक्रिया ?

जवाब— 1991 में सोवियत विघटन के बाद रूस में अभी परमाणु अस्त्रों की नियंत्रण व्यवस्था विकास की प्रक्रिया में है। सैद्धांतिक तौर पर परमाणु अस्त्रों के प्रयोग के निर्णय का अधिकार राष्ट्रपति के हाथ में है, जो सैन्य बलों के सुप्रीम कमांडर भी हैं। सहायता के लिए एक रक्षा समिति है।

सवाल. इजरायल व ब्रिटेन में क्या?

जवाब— ब्रिटेन में समस्त परमाणु बलों का नियंत्रण वहां के पीएम के हाथ में है। मगर प्रधानमंत्री परमाणु अस्त्र प्रयोग का आदेश रक्षा सेनाओं के प्रमुख से सलाह लेने के बाद ही कर सकते हैं। इजरायल में परमाणु हथियारों के नियंत्रण प्रक्रिया ज्ञात नहीं है पर राष्ट्रपति हमले का आदेश दे सकता है।

सवाल. फ्रांस में क्या है व्यवस्था?

जवाब— फ्रांस में एकमात्र राष्ट्रपति के हाथ में समस्त परमाणु बलों के प्रयोग का अधिकार है। निर्णय लेने में उनके अधिकार असीमित हैं। राष्ट्रपति द्वारा परमाणु शस्त्रों के प्रयोग का निर्देश परमाणु बलों तक ‘सेन्टर डि ऑपरेशन डि फोर्सेस एरियंस स्ट्रैटेजिकÓ के माध्यम से पहुंचेगा।

सवाल. भारत में क्या है व्यवस्था ?

जवाब— भारत में तीनों सेनाओं के प्रमुख राष्ट्रपति हैं, मगर परमाणु शस्त्रों के प्रयोग का निर्णय लेने का अधिकार सिर्फ पीएम को है। न्यूक्लियर कमांड अथॉरिटी होती है, जिसमें पीएम को सलाह देने के लिए सुरक्षा संबंधी मामलों की कैबिनेट कमेटी है। इसमें पीएम के साथ रक्षा, गृह, वित्त व विदेशी मंत्री हैं। एनएसए व तीनों सेनाओं के प्रमुख भी सलाह दे सकते हैं।

सवाल. पाक-चीन में क्या है स्थिति?

जवाब— पाक में परमाणु हथियारों का नियंत्रण किसके हाथ में है, यह घोषित तौर पर तो नहीं है, पर ऐसा माना जाता है कि वहां पर सेना के ही हाथ में सबकुछ है। वहीं, चीन में राष्ट्रपति के पास इसकी कमान होती है। चीनी राष्ट्रपति देश के साथ कम्यूनिस्ट पार्टी, चाइनीज सेंट्रल मिलिट्री कमीशन का भी प्रमुख होता है।
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सवाल. उ. कोरिया में कैसे संचालन?

जवाब— वैसे तो मीडिया की पहुंच न होने के चलते उत्तर कोरिया में परमाणु हथियारों पर नियंत्रण और प्रक्रिया में जानकारी नहीं है। लेकिन माना जाता है कि तानाशाह के हाथ में ही परमाणु हथियार संचालित करने की कमान होती है। किम खुद ही परमाणु हमले का आदेश दे सकते हैं।

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