इस बीच अफगानिस्तान में कोरोना वायरस के खतरे के बीच सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। राष्ट्रपति अशरफ गनी द्वारा जारी एक आदेश के आधार पर अफगान सरकार ने कहा कि अगले 10 दिनों में 10,000 कैदियों को देश भर की जेलों में कोरोनावायरस के प्रसार को रोकने के प्रयास में रिहा किया जाएगा।
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टोलो न्यूज ने गुरुवार को जेलों के सामान्य निदेशालय के प्रमुख अहमद रशीद तोताखिल का हवाला देते हुए कहा, रिहा होने वाले कैदियों से समाज को कोई खतरा नहीं है।
तोताखिल ने कहा, ‘जिन व्यक्तियों को हम रिहा कर रहे हैं, वे समाज के लिए बड़ा खतरा नहीं हैं। सभी ने छोटे-मोटे अपराध किए हैं।’
वायरस से बचने के लिए कोई टीका या उपचार नहीं: स्वास्थ्य मंत्री
एक बयान में स्वास्थ्य मंत्री फिरोजुद्दीन फिरोज ने कहा, ‘हमारे पास वायरस से बचने के लिए कोई टीका या उपचार नहीं है। हमारे पास एकमात्र तरीका स्वास्थ्य-अनुशंसित उपायों को लागू करना है। यह उपाय बहुत आसान हैं, जिससे लाखों लोगों की जान बचाया जा सकता है।’
अटॉर्नी जनरल के कार्यालय ( NGO ) ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करने वालों को छोड़ा नहीं जाएगा। टोलो न्यूज ने एजीओ के प्रमुख मोहम्मद फरीद हमीदी के हवाले से कहा, ‘एक और मुद्दा जो लोगों के लिए जानना बहुत जरूरी है कि राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा और आतंकवाद के खिलाफ अपराध नियम में शामिल नहीं हैं।’
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स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, अफगानिस्तान में कोरोना वायरस से 94 लोग संक्रमित हुए हैं, जबकि चार की मौत हुई है।
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