सरकारी संरक्षण तक प्राप्त है दरअसल, यह जगह पाकिस्तान के खैबरपास इलाके के दारा आदमखेल में स्थित है। हैरानी होगी कि यहां पर चल रहे इस कारोबार को सरकारी संरक्षण तक प्राप्त है। इससे भी ज्यादा हैरानी की बात ये है कि यहां के लोगों की आजीविका का ये सबसे बड़ा जरिया है। इससे भी बड़ी बात ये है कि यहां पर इस कारोबार में बच्चों से लेकर बड़े तक सब शामिल हैं।
संवेदनशील इलाकों में गिनती खैबरपास से की पहाडि़यां पार कर यह इलाका काफी संवेदनशील इलाकों में गिना जाता है। यहां पर पाकिस्तान सेना की गार्जियन यूनिट का हैडक्वार्टर भी है। इस पूरे इलाके में सैकड़ों दुकानें हैं जहां पर आपको एक से बढ़कर एक हथियार शॉकेस में टंगा हुआ दिखाई दे जाएगा। हर तरह के ऑटोमैटिक वैपन को जांचने के लिए यहां पर बाकायदा शूटिंग रेंज भी बनी है जो यहां पर तैनात फोर्स की देखरेख में रहती है। यहां से आप किसी भी तरह के हथियार को चलाकर देख सकते हैं। यहां पर रोजाना गोलियों की आवाजें आना बेहद आम बात है। यहां की हर दुकान पर सैकड़ों हथियार बाकायदा पैक तरीके से हिफाजत के साथ रखे जाते हैं।
दक्षिण एशिया की सबसे बड़ी अवैध हथियार मार्किट यहां की मार्किट दक्षिण एशिया की सबसे बड़ी अवैध हथियार मार्किट है। यहां के कारीगर हथियारों को बनाने में इतने दक्ष हैं कि आप असली और नकली में कोई फर्क नहीं कर सकेंगे। यहां तक की इन कारीगरों की बनाया हर हथियार किसी मल्टीनेशनल कंपनी के हथियार की बराबर ही खरा उतरता है। यहां की यह मार्किट काफी पुरानी है और हथियार माफिया समेत आतंकियों की पसंदीदा मार्किट भी है। यहां के बनाए हथियार कई जगहों पर कहर बरपा रहे हैं।
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