इस घटना के बाद शुरू हुआ था प्रदर्शन
इसके साथ ही ऐसे मामलों में न्यूनतम सजा पांच साल की सजा का प्रावधान रखा गया है। आपको बता दें कि पिछले हफ्तों से ही बांग्लादेश की सड़कों पर वहां के छात्र सड़क सुरक्षा को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। ये कुछ दिन पहले हुए एक सड़क दुर्घटना को लेकर शुरू हुआ था। दरअसल 29 जुलाई को राजधानी ढाका में दो लड़कों की मौत हो गई थी। एक अनियंत्रित बस उन दोनों किशोरों को रौंदती हुई चली गई थी। इस घटना से पूरे प्रांत में आक्रोश का माहौल था। इसी के बाद नाराज छात्र सड़कों पर उतर आए थे।
हजारों की तादाद में जमा हुए थे स्कूल-कॉलेज के छात्र
इस प्रदर्शन में स्कूल और कॉलेज दोनों के छात्र शामिल थे। हजारों की तादाद में इकट्ठा हुए छात्रों की यही मांग थी कि सरकार कानून में बदलाव करे। इस प्रदर्शन के दौरान छात्रों और सुरक्षाबलों में कई बार झड़पे भी हुई थीं। छात्रों ने ढाका की सड़कों को पूरी तरह ब्लॉक कर दिया था और सिर्फ इमरजेंसी वाहनों के आने-जाने के लिए रास्ते खोलें जा रहे थे। बता दें कि इस विरोध प्रदर्शन के दौरान ही बांग्लादेश में अमरीकी राजदूत मरसिाया बेरनीकैट के काफिले पर भी हमला हुआ था।
ऐसा है नया कानून
गौरतलब है कि इस नए कानून को रोड ट्रांसपोर्ट एक्ट 2018 नाम दिया गया है। इसके तहत अगर किसी रोड एक्सीडेंट में किसी की जान-बूझकर की गई हत्या का मामला साबित होता है तो आरोपी पर केस चलेगा और उसे हत्या के दोषी की तरह ही सजा दी जाएगी। साथ ही इस आरोप को गैर-जमानती करार दिया गया है, जबकि पहले ये आरोप था।