मामले में शंगाई एकेडमी ऑफ सोशल साइंसेज इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल रिलेशंस के शोधार्थी हु झियोंग ने कहा डोकलाम विवाद के बाद दोनों देशों की चिंता बढ़ गई है। इस वजह से सीमावर्ती सैनिकों को एक दूसरे की संस्कृति, भाषा आदि से बेहतर ढंग से रूबरू होना चाहिए। उन्होंने कहा कि इससे दोस्ती को आगे बढ़ाने और विवाद सुलझाने में आसानी होगी। वहीं दूसरी ओर डोकलाम विवाद के बाद भारत ने आईटीबीपी के सैनिकों को मंदारिन भाषा सिखाने की शुरूआत की है। इसका मकसद छोटे विवादों को आपस में बेहतर संवाद के जरिए सुलझाना है।
गृहमंत्री कर चुके हैं जवानों की सराहना
हाल ही में दशहरा पर गृहमंत्री राजनाथ सिंह उत्तरखंड से लगती चीन की सीमा पर गए थे। इस दौरान उन्होंने कहा था कि 9 हजार से लेकर 18 हजार फीट की ऊंचाई तक भारत-चीन की सीमाओं की निगरानी की जिम्मेदारी आईटीबीपी जवानों के कंधे पर है। वे कठिन परिस्थितियों में सीमाओं की रक्षा कर रहे हैं जिसका अंदाजा दिल्ली में बैठे लोग नहीं लगा सकते।
हाल ही में दशहरा पर गृहमंत्री राजनाथ सिंह उत्तरखंड से लगती चीन की सीमा पर गए थे। इस दौरान उन्होंने कहा था कि 9 हजार से लेकर 18 हजार फीट की ऊंचाई तक भारत-चीन की सीमाओं की निगरानी की जिम्मेदारी आईटीबीपी जवानों के कंधे पर है। वे कठिन परिस्थितियों में सीमाओं की रक्षा कर रहे हैं जिसका अंदाजा दिल्ली में बैठे लोग नहीं लगा सकते।
73 दिन तक चला था विवाद
दरअसल 18 जून 2017 को भारत और चीनी सेना के बीच विवाद शुरू हुआ था। 73 दिनों तक चले इस विवाद के बाद दोनों देशों में सेना हटाने की सहमति बनी थी। चीन की सेना हटने के बाद भारत ने भी ट्राईजंक्शन से अपने सैनिकों को वापस बुला लिया था। अब खबर आ रही है कि ट्राईजक्शन जहां पर पहले विवाद हुआ था वहां से कुछ दूर पर चीन ने अपने 500 सैनिकों को जमा करना शुरू कर दिया है। आने वाले दिनों में चीन अपने सैनिकों की संख्या को बढ़ा भी सकता है।
दरअसल 18 जून 2017 को भारत और चीनी सेना के बीच विवाद शुरू हुआ था। 73 दिनों तक चले इस विवाद के बाद दोनों देशों में सेना हटाने की सहमति बनी थी। चीन की सेना हटने के बाद भारत ने भी ट्राईजंक्शन से अपने सैनिकों को वापस बुला लिया था। अब खबर आ रही है कि ट्राईजक्शन जहां पर पहले विवाद हुआ था वहां से कुछ दूर पर चीन ने अपने 500 सैनिकों को जमा करना शुरू कर दिया है। आने वाले दिनों में चीन अपने सैनिकों की संख्या को बढ़ा भी सकता है।