जो साक्ष्य मिले हैं उससे ये बात पता चलती है कि क्रिकेट जैसे खेल का जनक इंग्लैंड नहीं है। दरअसल, पाकिस्तान ( Pakistan ) के प्रांत पंजाब ( Punjab ) की राजधानी लाहौर ( Lahore ) के संग्रहालय में रखी दो हजार साल पुरानी एक कलाकृति ( artefact ) के माध्यम से यह अनुमान लगाया जा रहा है कि क्रिकेट या इससे मिलता-जुलता कोई खेल बौद्धकाल ( Buddhist period ) में भारतीय उपमहाद्वीप में खेला जाता था।
पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, लाहौर के संग्रहालय में दो हजार साल पुरानी बौद्धकालीन मूर्तियों में लोगों के एक समूह को बल्ले और गेंद से बिलकुल मिलती-जुलती चीजों के साथ देखा जा सकता है।
2 हजार साल पहले खेले जाते थे कई तरह के खेल
लाहौर संग्रहालय की गंधार आर्ट गैलरी में बौद्धकालीन कलाकृतियां रखी हैं जिनमें कुछ का संबंध घुड़सवारी और रस्साकशी के खेल से भी है। इन्हीं के बीच बैट और बॉल से बिलकुल मिलती-जुलती चीज लिए लोगों की एक कलाकृति भी मौजूद है। इन्हें देखकर जानकारों का यह अनुमान रहा है कि उस समय का बौद्ध समाज क्रिकेट या इस जैसा ही कोई दूसरा खेल खेलता था।
संग्रहालय के जनसंपर्क अधिकारी आसिम रिजवान ने कहा कि ‘शतरंज और लूडो जैसे खेल हमारे इसी इलाके की देन हैं। बैट और बॉल के साथ बौद्धों के एक समूह को देखकर यह अनुमान लगाया जा सकता है कि बौद्ध काल में अगर क्रिकेट नहीं तो कम से कम, इससे मिलता-जुलता कोई खेल जरूर खेला जाता रहा होगा।’
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