आपसी विवाद सुलझाना चाहते हैं भारत-चीन
डोकलाम में 73 दिनों तक चले सैन्य गतिरोध के बाद भारत और चीन अपने संबंधों को सुधारने का प्रयास कर रहे हैं। दोनों देशों के बीच हाल ही में द्विपक्षीय वार्ताओं और उच्चस्तरीय बैठकों में तेजी दिखाई दी है। लंबे समय तक रहे सीमा विवाद के अलावा दोनों देशों के पास उनके संबंधों को खराब करने वाले बहुत से मुद्दे हैं। चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) से भारत को नाराजगी है। क्योंकि यह प्रस्तावित मार्ग इस्लामाबाद के कब्जे वाले विवादास्पद कश्मीर से गुजरता है, जिस पर भारत अपना दावा करता है।
कई मुद्दों पर दोनों देशों में विवाद
पाकिस्तान के आतंकी संगठन के प्रमुख मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र में अंतर्राष्ट्रीय आतंकी घोषित करने के भारत के आवेदन में चीन हमेशा से रोड़ा अटकाता रहा है, जिसके कारण दोनों देशों के बीच विवाद है। दोनों पक्षों के बीच हालांकि उच्चस्तरीय दौरों और वार्ताओं में तेजी आई है, जिसके कारण दोनों देशों के बीच शांति बनी है। चीन मार्च में भारत के साथ ब्रह्मपुत्र नदी का डेटा साझा करने के लिए राजी हुआ था। साथ ही भारत ने दलाई लामा का सम्मेलन नई दिल्ली से स्थानांतरित कर दिया था, ताकि चीन को परेशानी न हो। चीन तिब्बती धर्मगुरु को अलगाववादी मानता है।