अमरीका ने चाबहार पोर्ट को ईरान प्रतिबंधों से बाहर रखकर भारत को दिया दिवाली गिफ्ट बता दें, फेसबुक ने म्यांमार में अपनी भूमिका का अध्ययन करने के लिए ‘बिजनेस एंड सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी’ को जिम्मेदारी सौंपी थी। इस गैरलाभकारी संस्था ने अध्ययन के बाद 62 पन्नों की रिपोर्ट जारी की है। इसमें कहा गया है कि म्यांमार में जातीय हिंसा और धार्मिक टकराव को बढ़ावा देने के लिए फेसबुक का जिस तरह इस्तेमाल किया गया, उसे लेकर देश में इसकी आलोचना हुई।
पाकिस्ताान में बड़ा साइबर हमला, हैकर्स ने बैंकों को हैक कर लगाई सेंध, करोड़ों उड़ाए रिपोर्ट में दावा किया गया है कि जो लोग नफरत फैलाना चाहते हैं और दूसरों को नुकसान पहुंचाना चाहते हैं, उनके लिए फेसबुक एक जरिया बन गया है। ऐसा करने के लिए लोग इस प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करते हैं। इस पर फेसबुक ने अपनी गलती मानी कि म्यांमार में हिंसा और नफरत फैलाने के लिए अपनी सेवाओं का इस्तेमाल रोकने के लिए उसने पर्याप्त प्रयास नहीं किए।