काहिरा। पैसों की तंगी से जूझ रहा आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) अपने ही घायल लड़ाकों को मार रहा है ताकि उनके अंगों को निकालकर अवैध तरीके से विदेशी बाजारों में बेचा जा सके। अरबी भाषा के अखबार अल-सुबह ने इराकी शहर मोसूल में एक अज्ञात सूत्र के हवाले से कहा है कि लड़ाई में घायल हुए आईएस के आतंकियों के शरीर से अंग निकालने के लिए डॉक्टरों को धमकाया गया।
ईरानी न्यूज एजेंसी फार्स के मुताबिक, दक्षिणी मोसूल में सुरक्षाबलों के हाथों इलाका गंवाने के चलते आतंकी संगठन का बजट गड़बड़ा गया है। इसलिए आईएस मोसूल में घायल हुए अपने लड़ाकों को मार रहा है ताकि अवैध तरीके से दिल और किड़नियों को निकाल कर विदेशी बाजारों में उन्हें बेच सके।
स्पेन के एक अखबार अल मोंडो के मुताबिक, बंदी बनाए गए सीरियाई सेना के घायल सैनिकों के अंग भी आईएस निकाल रहा है। अखबार ने आगे कहा कि आईएस मोसूल की जेल में बंद कैदियों को जबरन खून दान के लिए मजबूर करता है। यही नहीं, उनकी सजाओं को भी टाला जाता है ताकि उनके खून का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल किया जा सके।
अखबार ने मेडिकल सूत्रों के हवाले से बताया कि एक अस्पताल के कर्मियों ने 183 लोगों के शव देखें जिनके अंग निकाले गए थे। संयुक्त राष्ट्र में इराक के राजदूत मोहम्मद अलहाकिम ने भी पिछले साल आरोप लगाए थे कि इस्लामिक स्टेट अंगों की तस्करी कर रहा है। जिन डॉक्टरों ने उनकी यह बात नहीं मानी, उनकी हत्या कर दी गई।
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