एशिया

पुलवामा अटैक के बाद पहली बार इमरान ने फिर अलापा ‘कश्‍मीर का राग’

– पाक पीएम ने दिया भारत को भड़काने वाला बयान- हर बार पाकिस्‍तान को दोषी ठहराना उचित नहीं – पीएम बनने के बाद चिट्ठी लिख की थी वार्ता की पहल

Feb 19, 2019 / 03:07 pm

Dhirendra

पुलवामा अटैक के बाद पहली बार इमरान ने फिर अलापा ‘कश्‍मीर का राग’

नई दिल्‍ली। जैसा कि हम सभी जानते है पाकिस्‍तान का रुख हमेशा से भारत विरोधी रहा है। जब भी मौका मिलता है वो भारत को नुकसान पहुंचाने से बाज नहीं आता। पुलवामा अटैक के बाद अपने पहले बयान में पाक पीएम इमरान खान ने भी वही किया जो उनके पूर्ववर्ती पीएम करते आए हैं। उन्‍होंने भारत को जंग की गिदड़-भभकी देते हुए नसीहत दी है कि आखिर कश्‍मीर के लोग हिंसा पर उतारू क्‍यों हैं ? इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करने की जरूरत है। लेकिन ऐसा नहीं होता और हर बार इस तरह की घटना के लिए पाकिस्‍तान को बिना सबूत दोषी ठहरा दिया जाता है।
पाक पीएम ने आज क्‍या कहा?
हम हिंदुस्तान में आवाजें सुन रहे हैं, पॉलिटिशन बोल रहे हैं कि पाकिस्तान को सबक सिखाना चाहिए। बदला लेना चाहिए। स्ट्राइक करनी चाहिए। अगर आप समझते हैं कि आप पाकिस्तान के ऊपर किसी किस्म का हमला करेंगे और पाकिस्तान पलटवार करने का सोचेगा नहीं तो आप गफलत में हैं। पाकिस्तान पलटवार करेगा। हमारे पास कोई और दूसरा रास्ता नहीं होगा इसके सिवा। और उसके बाद बात किधर जाती है। हम सब जानते हैं कि जंग शुरू करना आसान है। लेकिन जंग खत्म करना इंसान के हाथ में नहीं होता है।
इसलिए मैं यह उम्मीद रखता हूं अक्ल से काम लिया जाएगा। आज के बयान में उन्‍होंने एक बार फिर कश्मीर के हालात का मुद्दा उठाया और कहा कि हमें बिना वजह बदनाम किया जा रहा है। जब भी कश्मीर में कोई घटना होती है तो पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहरा दिया जाता है। ऐसा करना कितना उचित है। पाकिस्तान हर बार विपेन बॉय बताना सही नहीं है।
पहले की थी संबंध सुधारने की बात
साल 2018 में पाकिस्‍तान का पीएम बनने के बाद अपने बयान में इमरान खान ने भारत का नाम लिए बगैर कहा था कि पाकिस्तान की तरक्की के लिए हमें पड़ोसी मुल्कों से संबंध सुधारने होंगे। मैंने पड़ोसी देशों के साथ रिश्ते सुधारने के लिए बात की है। इसके बिना हम पाकिस्तान की स्थिति नहीं सुधार सकते। इमरान खान ने कहा था कि यदि पाकिस्तान की दिशा नहीं बदली तो उसका विनाश तय है।
चिट्ठी लिख की थी वार्ता शुरू करने की पहल
सितंबर, 2018 में पाक पीएम ने अपने समकक्ष भारतीय पीएम नरेन्द्र मोदी को चिट्ठी के जरिए भारत और पाकिस्तान के बीच दोबारा व्यापक वार्ता शुरु करने की मांग की थी। उन्होंने यह सुझाव दिया था कि इस दिशा में पहला कदम उठाते हुए इस महीने के आखिर में दोनों देशों के विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और शाह महमूद कुरैशी के बीच वार्ता होनी चाहिए।
इस चिट्ठी में उन्‍होंने कहा था कि पाकिस्तान और भारत भारत के बीच निश्चित तौर पर चुनौती भरे संबंध रहे है। ऐसे में हमें अपने लोगों खासकर भविष्य की पीढ़ियों को ध्यान में रखते हुए जम्मू कश्मीर समेत सभी विवादित मुद्दों का समाधान करना चाहिए और आपसी फायदे के लिए मतभेद को दूर किया जाना चाहिए।

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