इन देशों में अपनी सेवाएं दे चुके हैं बंबवाले
मूल रूप से पुणे के रहने वाले गौतम बंबवाले 1984 बैच के IFS अफसर हैं। गौतम को 2015 में पाकिस्तान में भारतीय उच्चायुक्त नियुक्त किया गया था। आपको बता दें कि पाकिस्तान के अलावा बंबवाले 1985 से 1991 के बीच हांगकांग और बीजिंग में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं। वह बीजिंग में भारतीय दूतावास के उपप्रमुख के तौर पर काम कर चुके हैं। इसके अलावा बंबवाले भूटान में भी भारत के राजदूत रह चुके हैं। वह विदेश मंत्रालय में चीन डेस्क को हेड कर चुके हैं। यह डेस्क जापान, चीन, दक्षिण कोरिया, मंगोलिया और उत्तर कोरिया के साथ संबंधों को लेकर काम करता था।
मूल रूप से पुणे के रहने वाले गौतम बंबवाले 1984 बैच के IFS अफसर हैं। गौतम को 2015 में पाकिस्तान में भारतीय उच्चायुक्त नियुक्त किया गया था। आपको बता दें कि पाकिस्तान के अलावा बंबवाले 1985 से 1991 के बीच हांगकांग और बीजिंग में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं। वह बीजिंग में भारतीय दूतावास के उपप्रमुख के तौर पर काम कर चुके हैं। इसके अलावा बंबवाले भूटान में भी भारत के राजदूत रह चुके हैं। वह विदेश मंत्रालय में चीन डेस्क को हेड कर चुके हैं। यह डेस्क जापान, चीन, दक्षिण कोरिया, मंगोलिया और उत्तर कोरिया के साथ संबंधों को लेकर काम करता था।
चीन से रिश्ते सुधारना होगी चुनौती
इससे पहले 2009 से 2014 तक उन्होंने विदेश मामलों के सचिव पद पर काम किया था। वहीं 2007 में उन्होंने ग्वांगझोउ में भारत की पहली पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना परिषद बनने का सम्मान जीता था। चीन में भारत के राजदूत बनने के बाद बंबवाले के सामने सबसे पहले दोनों देशों के बीच रिश्तों की गाड़ी को पटरी पर लाना होगा, जो कि डोकलाम विवाद के दौरान उतर गई थी। हालांकि इससे पहले चीन में भारत के राजदूत विजय गोखले ने भी ये काम बेहतर ढंग से किया था, क्योंकी डोकलाम विवाद सुलझने में विजय गोखले के द्वारा की गई कोशिशें भी काफी कारगार साबित हुई थीं। वहीं बंबवाले पाकिस्तान में भारत के राजदूत रहते हुए भारत और पाकिस्तान के साथ संबंधों को लेकर भारत का पक्ष मजबूती से कई बार रख चुके हैं।
इससे पहले 2009 से 2014 तक उन्होंने विदेश मामलों के सचिव पद पर काम किया था। वहीं 2007 में उन्होंने ग्वांगझोउ में भारत की पहली पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना परिषद बनने का सम्मान जीता था। चीन में भारत के राजदूत बनने के बाद बंबवाले के सामने सबसे पहले दोनों देशों के बीच रिश्तों की गाड़ी को पटरी पर लाना होगा, जो कि डोकलाम विवाद के दौरान उतर गई थी। हालांकि इससे पहले चीन में भारत के राजदूत विजय गोखले ने भी ये काम बेहतर ढंग से किया था, क्योंकी डोकलाम विवाद सुलझने में विजय गोखले के द्वारा की गई कोशिशें भी काफी कारगार साबित हुई थीं। वहीं बंबवाले पाकिस्तान में भारत के राजदूत रहते हुए भारत और पाकिस्तान के साथ संबंधों को लेकर भारत का पक्ष मजबूती से कई बार रख चुके हैं।