रिपोर्ट में कहा गया है कि मुंबई हमले के मास्टरमाइंड आतंकी हाफिज के संगठन जमात-उद-दावा और फलाह-ए-इनसानियत के कई दफ्तर और चैरिटी संस्थान अब भी पाकिस्तान के लाहौर, शेखुपुरा, मुल्तान, भावलपुर, रावलपिंडी, पेशावर, हैदराबाद, सुक्कूर और पाक अधिकृत कश्मीर के मुजफ्फराबाद में काम कर रहे हैं। इसकी देखरेख आतंकी हाफज सईद के हाथों में ही है।
बता दें, हाल ही में पाकिस्तान ने सईद के संगठनों से जुड़ी संपत्तियों को जब्त कनने का दावा किया था। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार- हाफिज के संगठन जमात उद दावा और फलाह-ए-इनसाइनेट फाउंडेशन से जुड़ी तैराकी अकादमी, ट्रकों का बेड़ा, स्कूल, अस्पताल और एंबुलेंस सेवाओं को सरकार ने अपने कब्जे में लिया था। दोनों संगठनों में होने वाले दान पर भी पूरी तरह से रोक लगाने का दावा किया था।
हाफिज को आतंकी घोषित कर चुका है अमरीका अमरीका बहुत पहले से हाफिज को आतंकी घोषित कर चुका है। अमरीका और यूरोपियन देशों की फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) भी पाकिस्तान पर लगातार नजर है। टस्क फोर्स का काम उन देशों की फाइनेंशियल गतिविधियों पर नजर रखना है, जिन पर आतंकी गतिविधियों के समर्थन का आरोप लगता है। FATF की ग्रे लिस्ट में 2012 में पाकिस्तान का नाम भी शामिल है।
छवि सुधारना चाहता है पाकिस्तान जानकारों का मानना है आतंकवाद को बढ़ावा देने और आतंकियों को प्राश्रय देने के आरोपों के कारण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान की छवि धूमिल हुई है। खबरों में कहा गया था कि पाकिस्तान अब अपनी छवि सुधारने का प्रयास कर रहा है। FATF ने भी पाकिस्तान को अपने ऊपर लग रहे आरोपों सफाई का मौका दिया था। हाफिज पर कार्रवाई को भी इसी के तहत देखा जा रहा था। FATF ने तीन महीने के भीतर स्थिति स्पष्ट करने को कहा था। लेकिन इस रिपोर्ट से पाकिस्तान का झूठ सामने आ गया है। पाकिस्तान की ऐसी हरकतों के कारण अंतरराष्ट्रीय समुदायों से की ओर से पहले ही उस पर कई तरह के बैन लगाए गए हैं। जानकारों का मानना है कि यह सच सामने आने के बाद पाकिस्तान का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।
आतंकी संगठन लशकर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज को संयुक्त राष्ट्र की ओर से आतंकवादी करार दिया गया है। उस पर 10 मिलियन डॉलर का ईराम भी रखा गया है। इसलिए पाकिस्तान में भी 2012 में लशकर-ए-तैयबा पर बैन लगा दिया गया था। इसके बावजूद पाकिस्तान में संगठन की गतिविधियों की खबरें सामने आती रही हैं।