4 नवंबर को दागी गई थी मिसाइल सऊदी अरब ने 30 नवंबर को यमन की ओर से दागी गई बैलिस्टिक मिसाइल को सीमा पार सऊदी शहर खमीस मुशैत पर रोक दिया था। सऊदी वायु सुरक्षा ने 4 नवंबर को यमन में हौतियों द्वारा दागी गई एक बैलिस्टिक मिसाइल को सऊदी की राजधानी रियाद के उत्तर में राजा खालेद अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे के ऊपर मार गिराया था। 4 नवंबर को हुए मिसाइल हमले के बाद यमन के सभी वायु, समुद्र और भूमि बंदरगाहों पर सऊदी के नेतृत्व वाले सैन्य गठबंधन ने नाकाबंदी शुरू कर दी थी। साथ ही सभी सहायता, ईंधन और खाद्य के आयात में कटौती कर दी गई थी।
एक दिन बाद हुआ हमला गठबंधन ने पिछले सप्ताह घेराबंदी को कम कर दिया, और उत्तरी हौती-नियंत्रित बंदरगाहों के माध्यम से केवल कुछ सहायता पहुंचाने की इजाजत दी। हालांकि संयुक्त राष्ट्र सहायता एजेंसियों ने चेतावनी दी कि यह पर्याप्त नहीं है और गठबंधन से खाद्य आयात की अनुमति देने का अनुरोध किया। अबू धाबी पर रविवार को मिसाइल हमला पूर्व राष्ट्रपति अली अब्दुल्ला सालेह द्वारा हौती विद्रोहियों से भागीदारी तोड़ने के एक दिन बाद हुआ है।
हौतियों के खिलाफ युद्ध का ऐलान सालेह ने शनिवार को हौतियों के खिलाफ युद्ध की घोषणा की और सेना, सुरक्षा बलों और जनजातियों से उनकी पार्टी की सशस्त्र क्रांति में शामिल होने का आह्वान किया ताकि राजधानी सना को हौतियों के नियंत्रण से निकाला जा सके सालेह ने शनिवार को अपने टीवी भाषण में घोषणा की थी कि उन्होंने सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात के की तरफ शांति और समझौते हाथ बढ़ाया है। दोनों देश तीन साल से यमन में चल रही हौती विद्रोहियों के खिलाफ सैन्य कार्रवाई का नेतृत्व कर रहे हैं।हौती के नेता अब्दुल-मालेक अल-हौती ने सालेह पर ‘विश्वासघात’ का आरोप लगाया और गठबंधन के खिलाफ लड़ने की कसम खाई।सालेह के मीडिया कार्यालय के प्रवक्ता नबील अल-सौफी ने अपने ट्विटर अकाउंट पर कहा कि सालेह के कदम का उद्देशय अपने बेटे अहमद अली अब्दुल्ला सालेह और उसके परिवार को सत्ता में लाना है, जो 2012 से अबू धाबी में रह रहे हैं।
गठबंधन ने नए रुख का स्वागत किया सऊदी अरब के स्वामित्व वाली अल-अरबिया टीवी चैनल के मुताबिक, गठबंधन ने सालेह के नए रुख का स्वागत किया और ईरान के सहयोगी हौती विद्रोहियों के खिलाफ उन्हें और उनकी पार्टी का समर्थन करने का वादा किया है। हौतियों और सालेह के वफादार सऊदी नेतृत्व वाले गठबंधन से लड़ रहे थे और दोनों बलों ने 2014 में राजधानी सना पर हमला किया था। साथ ही दोनों ने मिलकर सऊदी अरब समर्थक राष्ट्रपति अब्द-रब्बू मंसूर हादी को निर्वासन के लिए मजबूर किया था।