105 हिंदू परिवार लौटने को थे तैयार
अखबार का कहना है कि बीते साल मई में शरणार्थियों के म्यांमार के राखिने में लौटने को लेकर जब संयुक्त राष्ट्र ने इस पर सहमति समझौता किया तो 105 हिंदू परिवार लौटने के लिए तैयार थे। रिपोर्ट में हिंदू शरणार्थियों के बयान के मुताबिक वे बांग्लादेश में फंसे हुए हैं क्योंकि उनकी वापसी को उस समय रद्द कर दिया गया, जब संयुक्त राष्ट्र ने यह फैसला किया कि शरणार्थियोंके लिए म्यांमार लौटना सुरक्षित नहीं है।
दुश्मनी के साये में रह रहे हैं हिंदू-मुस्लिम शरणार्थी
बांग्लादेश में 400 हिंदू शरणार्थियों को अलग करके रखा गया है। उन्हें हिंदू कैंप नामक एक अलग इकाई में रखा गया है, जिसकी कड़ी सुरक्षा की जा रही है। आपको बता दें कि बांग्लादेश में हिंदू और मुस्लिम शरणार्थी दुश्मनी के साये में रह रहे हैं। अखबार का कहना है कि हिंदू परिवारों ने मदद के लिए भारत सरकार से अपील की है लेकिन अभी तक सिर्फ मानवीय मदद मिली है। रिपोर्ट के मुताबिक, हिंदुओं के शरणार्थी शिविर की 32 वर्षीय शिशू शील ने कहा, ‘भारत सभी हिंदुओं की भूमि है। नरेंद्र मोदी हिंदू हैं। वह हमारी मदद क्यों नहीं कर रहे?’