दरअसल, शुक्रवार को चीन समर्थक सांसदों ने शिक्षकों की निगरानी के लिए स्कूलों की कक्षाओं में कैमरे लगाने का प्रस्ताव दिया है। सांसदों ने कहा कि इससे शिक्षकों की गतिविधियों पर नजर रखी जा सकेगी कि वे कक्षाओं में क्या बोलते हैं। यदि वे अलगाववादी या सरकार विरोधी बातें करते हैं तो कैमरे से पकड़ में आ सकती है।
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साउथ चाइना मार्निग पोस्ट अखबार के मुताबिक, चीन समर्थक हांगकांग की मुख्य कार्यकारी कैरी लैम के सलाहकार टॉमी चेउंग यू-यान ने संसद में यह प्रस्ताव दिया है। इस प्रस्ताव में यह कहा गया है कि कक्षाओं में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं। उन्होंने कहा कि कैमरे की सहायता से स्कूलों में हो रहे तमाम गतिविधियों पर नजर रखी जा सकेगी। यदि कोई भोले-भाले छात्रों को भड़काने की कोशिश करेगा या अभी कर रहा है तो उसके साक्ष्य भी मिल सकते हैं।
चीन के खिलाफ 2019 से चल रहा है आंदोलन
आपको बता दें कि हांगकांग में चीन के खिलाफ लगातार विरोध-प्रदर्शन किया जा रहा है। 2019 में प्रत्यर्पण बिल को लेकर शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन अभी भी जारी है। 2019 में लोकतंत्र समर्थक छात्रों, शिक्षकों और लोगों ने सड़कों पर लंबे समय तक विरोध प्रदर्शन किया था।
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अब शिक्षा मंत्री केविन युआंग यून-हंग ने कहा है कि 2019 की अशांति के बाद सरकार लगातार स्कूलों में सुधार को लेकर काम कर रही है। लोकतंत्र समर्थकों को रोकने के लिए चीन ने पिछले साल राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू कर दिया। इससे लोकतंत्र समर्थक और भी अधिक भड़क गए हैं। जबकि, चीन के इस कदम की दुनियाभर में आलोचना हुई और अभी भी की जा रही है। अमरीका ने इस मामले पर चीन के खिलाफ कार्रवाई करते हुए कई अधिकारियों पर पाबंदी भी लगा दी है।