नवजात बच्चों के शवों में 99 प्रतिशत लड़कियां
पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जनवरी 2017 से अप्रैल 2018 तक करीब 345 नवजात बच्चों के शव को कचरे के ढ़ेर से बरामद किया गया है। इसमें से सबसे ज्यादा 99 प्रतिशत लड़कियों के शव हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि ईधी फाउंडेशन और छिप्पा वेलफेयर जैसे समाजसेवी संगठनों ने कराची में कूड़े के ढेर से 345 नवजातों के शव मिलने की बात कही है।
ईधी फाउंडेशन ने कहा है कि कचरे के ढेर में पाए गए नवजात बच्चों के कुछ ऐसे शव मिलें हैं जिनके साथ बर्बरता पूर्ण व्यवहार किलया गया और फिर निर्ममता के साथ हत्या कर दी गई। फाउंडेशन ने बताया कि एक शव ऐसा मिला जिसको गला रेतकर मार डाला गया था। फाउंडेशन ने दिल को चीर देने वाली हृदय विदारक घटना के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि एक बच्ची के जन्म के बाद उसे मस्जिद की सीढ़ियों पर छोड़ दिया गया और मौलवी ने उसे ‘नाजायज’ समझ कर उसका सिर पत्थर से कुचल कर उसकी हत्या कर दी।
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नवजात बच्चों की मौत का कारण है शादी से पहले होना: अनवर
आपको बता दें कि ईधी सेंटर चैरिटी के अनवर काजमी दिल को चीर देने वाली घटना के बारें बताते हैं कि नवजात बच्चों की मौत का कारण है शादी से पहले बच्चे का जन्म हो जाना। वे बताते हैं कि समाज में ऐसे बच्चों का नाजायज समझा जाता है। इस सामाजिक कलंक से बचने के लिए नवजात बच्चों को मार दिया जाता है। वे कहते हैं कि पाकिस्तान में शिशु हत्या एक गंभीर अपराध है। लोग कानून की डर से बच्चों को मारकर कुड़े के ढ़ेर में फेंक देते हैं या फिर छुपा देते हैं। वहीं ऐसी घटना के लिए पुलिस का कहना है कि जब कोई शिकायत मिलती है तो उस पर त्वरित कार्रवाई की जाती है। पुलिस ने कहा कि बहुत ही कम ऐसा होता है जब इस तरह की शिकायत हमलोगों तक पहुंचती है।