पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष जनरल राहिल शरीफ ने सेवा विस्तार की खबरों को खंडन करते हुए साल के अंत में सेवानिवृत्त होने की घोषणा की
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष जनरल राहिल शरीफ ने सेवा विस्तार की खबरों को खंडन करते हुए साल के अंत में सेवानिवृत्त होने की घोषणा की है। देश के सबसे शक्तिशाली व्यक्तियों में से एक शरीफ का तीन साल का कार्यकाल नवंबर में खत्म हो रहा है, लेकिन अभी तक किसी दावेदार का नाम सामने नहीं आया है।
जनरल शरीफ ने 29 नवंबर, 2013 को सेनाध्यक्ष का पद संभाला था। उनसे पहले देश के दो पूर्व सेनाध्यक्षों ने सेवा विस्तार लिया था। उनके बारे में भी ऐसी ही खबरें आई थीं, जिसे सेना ने सोमवार आधारहीन बताया। जनरल ने कहा, पाकिस्तानी सेना एक बहुत बड़ी और महान संस्था है। मैं सेवा विस्तार लेने में यकीन नहीं करता हूं। शरीफ अफगानिस्तान तालिबान को वार्ता के टेबल पर लाने में भी उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
जनरल शरीफ का यह फैसला लोकतांत्रिक लिहाज से महत्वपूर्ण हो सकता है, लेकिन आतंकवादियों के खिलाफ चलाए जा रहे सैन्य अभियान पर अभी से सवाल उठने लगे हैं। अफगानिस्तान की सीमा से लगते इलाकों में आतंकियों के खिलाफ अभियान छेडऩे का श्रेय जनरल शरीफ को ही दिया जाता है। पाकिस्तान में आमतौर पर सेना और सरकार के बीच टकराव की स्थिति रहती है, लेकिन जनरल शरीफ ने प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को अपना पूरा समर्थन दिया है। जनरल शरीफ के कार्यकाल में कुछ बड़े आतंकी हमले भी हुए। इनमें पेशावर के सैन्य स्कूल और राजदूतों के हेलीकॉप्टरों को निशाना बनाने जैसे हमले शामिल हैं।