आईएमएफ के लिए यकीन करना मुश्किल इमरान सरकार लगातार आर्थिक संकटों से घिर रही है। सरकार ने हाल ही में इससे उबरने के लिए कई उपाए भी किए। इसमें कभी सरकारी कारों की,कभी भैसों की तो कभी हेलिकॉप्टर की बोली लगाना शामिल है। इस तरह से वह छोट—छोटे खर्च बचाकर अपने राजस्व में जान फूंकने का काम कर रही है। मगर इन कदमों को लेकर दुनिया भर में मजाक उड़ रहा है।पाकिस्तान ने अभी तक कोई भी ठोस नीति नहीं अपनाई है। इस कारण आईएमएफ भी दुविधा में है। उसका कहना है कि वह जांच परख करके ही पाकिस्तान को कर्ज दे पाएगी।
यह 13वां राहत पैकेज होगा मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान आईएमएफ से छह अरब अमरीकी डॉलर की मांग कर सकता है। अगर इसे मंजूरी दे दी जाती है,तो यह 1980 के दशक के उत्तरार्ध में आईएमएफ की ओर से पाकिस्तान को दिया जाने वाला 13 वां बचाव पैकेज होगा। अक्टूबर में पाकिस्तान ने औपचारिक रूप से ऋण के लिए आईएमएफ से संपर्क किया था। आईएमएफ की एक टीम मौजूदा समय में चालू खाता घाटे को ध्यान में रखते हुए पाकिस्तान की राजकोषीय नीतियों के साथ-साथ उसकी मौद्रिक जरूरतों की समीक्षा कर रही है।