क्या चाहता है भारत – गुरुद्वारा करतार सिंह साहिब के पास एक बहुत बड़ा परिसर है। भारतीय अधिकारियों ने पाया कि इन जमीनों पर काफी अतिक्रमण है। यहां तक कि पाकिस्तान सरकार ने भी गुरुद्वारा जमीन पर निर्माण करा रखा है। भारतीय अधिकारियों ने इस जमीन पर अवैध रूप से हुए इस अतिक्रमण को खाली करने की मांग की है। इसकों लेकर पाकिस्तान की सरकार से भारत ने सख्त ऐतराज जताया है।
– भारतीय पक्ष चाहता है कि करतारपुर कॉरिडोर से प्रतिदिन पांच हजार तीर्थ यात्रियों को गुरुद्वारा दरबार सिंह साहिब तक जाने की अनुमति दी जाए। विशेष अवसर पर यह संख्या 15 तक की हो।
– करतारपुर साहिब कॉरिडोर से गुरुद्वारा दरबार सिंह साहिब तक जाने वाले नागरिकों में भारत के श्रद्धालुओं के अलावा कनाडा, ब्रिटेन समेत अन्य देशों में रह रहे भारतीय मूल के श्रद्धालुओं को भी जाने की अनुमति दी जाए।
– श्रद्धालुओं से किसी तरह की कोई वीजा फीस न ली जाए। यदि कोई तीर्थयात्री अकेले गुरुद्वारा दरबारसिंह साहिब जाना चाहे तो उसे जाने की अनुमति दी जाए। क्यों इतना खास है करतारपुर साहिब
करतारपुर कॉरीडोर सिखों के लिए सबसे पवित्र जगहों में से एक है। करतारपुर साहिब सिखों के प्रथम गुरु, गुरुनानक देव जी का निवास स्थान था। गुरू नानक ने अपनी जिंदगी के आखिरी 17 साल 5 महीने 9 दिन यहीं गुजारे थे। उनका सारा परिवार यहीं आकर बस गया था। उनके माता-पिता और उनका देहांत भी यहीं पर हुआ था। इस लिहाज से यह पवित्र स्थल सिखों के मन से जुड़ा धार्मिक स्थान है।