भारत के प्रति तालिबानी रवैया इमरान कप पाकिस्तान में अपने तालिबान समर्थक रूख के चलते तालिबान खान कहा गया है। उनके विरोधियों के अनुसार उनकी पार्टी को सेना और खुफिया संस्था ‘इंटर-सर्विसिस इंटेलिजेंस’ (आईएसआई) का समर्थन प्राप्त है, जिस वजह से कहा जा रहा है कि उन्हें अपने विरोधियों के खिलाफ बढ़त हासिल है। नया पाकिस्तान बनाए का दावा करने वाले इमरान ने पीएम बनने से पहले ही कश्मीर और भारत के ऊपर वही पुराना राग अलापना शुरू कर दिया है जो उनके मुल्क के हुक्मरान पहले से करते रहे हैं। तो क्या मान लिया जाए कि पाकिस्तान के उदारवादी राजनीतिक गुट के बीच ‘तालिबान खान’ के नाम से चर्चित इमरान का पीएम बनना भारत के लिए नुकसान देह होने जा रहा है?
चुनावों से शुरू हुआ भारत विरोध जारी रखेंगे इमरान ? यह सवाल हिन्दुस्तान के साथ पाकितनि मीडिया में भी अब तेजी से उठ रहा है कि क्या इमरान चुनावी रैलियों में भारत के प्रति अपनी रुखाई को आगे जारी रखेंगे। अगर चुनावी रैलियों में इमरान के भाषणों की पड़ताल की जाए तो देखा गया है कि वह कश्मीर से लेकर पीएम मोदी तक भारत को घेरने की कोशिश कर चुके हैं।
नवाज और मोदी की दोस्ती पर तंज इमरान ने नवाज शरीफ और उनकी पार्टी पर आरोप लगाया था कि उन्होंने सेना और आईएसआई को अपाहिज बना दिया है, जिससे भारत को अग्रता हासिल हो रही है। वोटिंग से एक दिन पहले इमरान ने बड़ा हमला करते हुए कहा कि नवाज शरीफ भारत के खिलाफ बहुत सॉफ्ट हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि नवाज ने मोदी के कदमों में पाकिस्तान का आत्मसम्मान गिरवी रख दिया था। इमरान ने तल्ख़ तेवर में कहा था,”भारत और मोदी को नवाज प्यारे हैं लेकिन वे हमारी सेना से नफरत करते हैं। इसलिए मोदी को इस बात की चिंता है कि अगर इमरान सत्ता में आया तो पाकिस्तान के लिए काम करेगा।”
सर्जिकल स्ट्राइक पर भड़के इमरान नवाज शरीफ को आधुनिक ‘मीर जाफर’ कहने वाले इमरान ने अपने पूरे इलेक्शन कैम्पेन में बेहद सख्त तरीके से कश्मीर का मुद्दा उठाया है। वह भारत को कश्मीर में हिंसा का जिम्मेदार बताते हुए दावा करते हैं कि ‘कश्मीर पकिस्तान का था और रहेगा।’ सर्जिकल स्ट्राइक के बाद इमरान ने कहा था कि ‘मैं नवाज शरीफ को बताऊंगा कि मोदी को कैसे जवाब देना है।’ कयास लगाए जा रहे हैं कि जिस तरह से इमरान ने भारत के खिलाफ बयानबाजी की है, अगर उनकी वही नीति सत्ता में आने के बाद भी जारी रही तो वह भारत के लिए हानिकारक हो सकती है।
आतंकियों को मिलेगा उभार भारत और पाकिस्तान पर नजर रखने वाले विषेशज्ञों का मानना है कि इमरान पीएम बने तो पाकिस्तान में कट्टरपंथियों और आतंकियों को उभार मिलेगा। इमरान खान सेना और आईएसआई के सपोर्ट से सत्ता में आ रहे हैं और यह उन्हें भी अच्छी तरह पता है कि सेना से टकराहट का रास्ता उनके लिए अच्छा नहीं होगा। इसलिए उनकों भारत के खिलाफ उन सभी मंसूबों का समर्थन करना पड़ेगा जो सेना, आईएसआई और कट्टरपंथी जमात चाहती है।