ये भी पढ़ेंः सिंगापुर : भारतवंशी वकील न्यायिक आयुक्त नियुक्त
दो साल का होगा कार्यकाल प्रधानमंत्री कार्यालय ने बुधवार को कहा कि गिल की नई भूमिका 1 अगस्त से शुरू होगी और उनका कार्यकाल दो साल का होगा। उन्हें तान पे बून, मैविस चियोन और अंग चेंग हॉक के बाद इस पद पर नियुक्त किया गया है। इन तीनों को फरवरी में न्यायिक आयुक्त नियुक्त किया गया था। गिल 3 अगस्त को शपथ लेंगे। उनकी नियुक्ति के साथ सर्वोच्च न्यायालय में कुल 21 न्यायाधीश, छह न्यायिक आयुक्त, चार वरिष्ठ न्यायाधीश और 15 अंतर्राष्ट्रीय न्यायाधीष हो जाएंगे।
दो साल का होगा कार्यकाल प्रधानमंत्री कार्यालय ने बुधवार को कहा कि गिल की नई भूमिका 1 अगस्त से शुरू होगी और उनका कार्यकाल दो साल का होगा। उन्हें तान पे बून, मैविस चियोन और अंग चेंग हॉक के बाद इस पद पर नियुक्त किया गया है। इन तीनों को फरवरी में न्यायिक आयुक्त नियुक्त किया गया था। गिल 3 अगस्त को शपथ लेंगे। उनकी नियुक्ति के साथ सर्वोच्च न्यायालय में कुल 21 न्यायाधीश, छह न्यायिक आयुक्त, चार वरिष्ठ न्यायाधीश और 15 अंतर्राष्ट्रीय न्यायाधीष हो जाएंगे।
ये भी पढ़ेंः सिंगापुर एयरलाइंस में भारतीय दंपती से दुर्व्यहार, विकलांग बच्ची को सुविधा देने से इंकार कन्नम रमेश को भी मिली थी जिम्मेदारी ऐसा पहली बार नहीं है कि किसी भारतीय मूल को सिंगापुर में बड़ी जिम्मेदारी मिली हो। इसके पहले भी एक भारतवंशी वरिष्ठ वकील को साल 2015 में बड़ी जिम्मेदारी मिली थी। कन्नम रमेश को सिंगापुर हाईकोर्ट में न्यायिक आयुक्त के रूप में नियुक्त किया गया था। रमेश विवाद समाधान, दिवालिया और पुनर्गठन और अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता विशेषज्ञ माने जाते हैं। उन्होंने नेशनल युनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर से साल 1990 में स्नातक की उपाधि ली थी। बता दें कि यह पद कानूनी पेशे में बेहद महत्व रखता है। न्यायिक आयुक्त के पास न्यायाधीश की शक्ति होती है और उसे खास अवधि के लिए नियुक्त किया जाता है।