SCO सदस्य बनने से भारत को होंगे कई अहम फायदे
भारत के एससीओ में शामिल होने से व्यापक रूप से कई फायदे होंगे। भारत को एससीओ में शामिल होने के लिए तीन साल का इंतजार करना पड़ा।

शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) में हिस्सा लेने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कजाकिस्तान पहुंच चुके हैं। भारत के एससीओ में शामिल होने से व्यापक रूप से कई फायदे होंगे। भारत को एससीओ में शामिल होने के लिए तीन साल का इंतजार करना पड़ा। भारत ने इस संगठन में शामिल होने के लिए 2014 में आवेदन किया था। आइए हम आपको बताते हैं कि देश को एससीओ से क्या फायदे होंगे-
ऊर्जा क्षेत्र में आसान होगी भारत की राह
एससीओ में शामिल रूस, कजाकिस्तान, ताजकिस्तान, उज्बेकिस्तान में पास प्राकृतिक ऊर्जा का अच्छा खासा भंडार है। भारत इन देशों के साथ पहले से ही ऊर्जा के क्षेत्र में विस्तार के लिए बातचीत कर रहा है। ऐसे में सदस्यता मिलने के बाद एससीओ से जुड़े देश ऊर्जा क्षेत्र में भारत को मदद के लिए प्रदिबद्ध होंगें। अगर इन देशो से सहयोग मिलता है तो भारत की राह ऊर्जा क्षेत्र में आसान हो जाएगी। चीन भी इस संगठन के जरिए ऊर्जा करोबार में तेजी से आगे बढ़ना चाहता है। जानकारों की मानें तो एससीओ में शामिल देशों के पास जितना बड़ा गैस भंडार है उसे चीन के बाद भारत ही ले सकता है।
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चीन के साथ रिश्तों में होगा सुधार
शंघाई सहयोग संगठन के गठन का उद्देश्य इसमें शामिल देशों के बीच के तनाव का दूर करना था। ऐसे में माना जा रहा है कि भारत के एससीओ में शामिल होने से भारत-चीन के रिश्तों में सुधार आएगा। वहीं कुछ जानकारों का कहना है कि भारत-चीन पहले से ही ब्रिक्स जैसे कई संगठनों के सदस्य है, इसके बावजूद भी मौजूदा दिनों में चीन और भारत के बीच तनाव बना रहता है। एससीओ में भारत की सदस्यता के बाद भी चीन के सुधरने की उम्मीद कम है।
आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में मिलेगी मदद
भारत आतंकवाद के खिलाफ तेजी से लड़ाई लड़ रहा है। इस लड़ाई को अंजाम तक पहुंचाने के लिए भारत को एससीओ में शामिल देशों का सहयोग जरूरी है। एससीओ पहले से ही आतंकवाद के खिलाफ लड़ने को प्रतिबद्ध है। ऐसे में एससीओ में शामिल देश आतंकवाद के खिलाफ अभियान में भारत का साथ देंगे। प्रधानमंत्री मोदी भी कजाकिस्तान रवाना होने के पहले इस बात को कह चुके हैं।
मध्य एशिया में बढ़ेगा भारत का दखल
जानकारों के मुताबिक एससीओ की सदस्यता से भारत का मध्य एशियाई देशों में दखल बढ़ जाएगा, जोकि भारत के लिए अच्छी बात है। वहीं उन देशों के बाजारों में भारत की एंट्री से अर्थव्यवस्था को भी लाभ होने की उम्मीद है।
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