पुलिस ने बताया कि इस्लामिक धर्मगुरू रिजीक शिहाब ( Rizieq Shihab ) के समर्थकों और अधिकारियों के बीच इस हिंसक झड़प के बाद से देश में काफी तनाव बढ़ सकता है। राजधानी जकार्ता के पुलिस प्रमुख फादिल इमरान ने इस घटना को लेकर कहा कि यह घटना आधी रात के बाद एक राजमार्ग पर हुई जहां रिजिक शिहाब के समर्थकों ने अलग अलग तरह के हथियारों जैसे पिस्तौल, दरांती और समुराई तलवार से पुलिस पर हमला किया। इसके बाद जवाबी कार्रवाई में 6 सर्मथकों की गोली लगने से मौत हो गई।
पुलिस ने एक प्रेस वार्ता करते हुए उन हथियारों को भी प्रदर्शित किया। बता दें कि पिछले महीने इस्लामिक धर्मगुरू रिजीक शिहाब सऊदी अरब से आत्म निवास करके वापस स्वदेश लौटे और फिर कई कई सामूहिक समारोह किये जिनमें कोरोना वायरस का प्रोटोकॉल तोडा गया था।
इसके बाद पुलिस ने कोरोना वायरस प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने को लेकर विवादास्पद और राजनीतिक रूप से प्रभावशाली मौलवी की जांच शुरू की। पिछले हफ्ते मौलवी जांच में सहयोग न करके पूछताछ में हाजिर नहीं हुआ और न ही इस हफ्ते पुलिस के सामने हाजिर हुए। इधर मौलवी के जांच को लेकर उनके समर्थक भड़क गए और सडकों पर उतर आए।
पहले भी विवादों में रहे हैं मौलवी
बता दें कि 55 साल के मौलवी रिजिक शिहाब पहले भी अपने कारनामों को लेकर विवादों में रह चुके हैं। 2017 में पोर्नोग्राफी और देश के प्रति अपमानजनक विचारधारा के कारण विवादों में रहे थे, जिसके बाद तीन साल सऊदी अरब में गुजारना पड़ा था। जब वे तीन साल वहां रहने के बाद वापस जकार्ता लौटे तो हजारों समर्थकों ने सफेद इस्लामी वेश में एयरपोर्ट पहुंचकर हेल्थ प्रोटोकॉल तोड़कर उसका हाथ चूमा।
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इंडोनेशिया छोड़ने से पहले रिजीक बासुकी तजहा पुरमना नाम के जकार्ता के पूर्व ईसाई गवर्नर का विरोध करने वाले कट्टरपंथी आंदोलन का प्रमुख था। बासुकी तजहा पुरमना को अहोक के नाम से भी जाना जाता है और जिसे इस्लाम का अपमान करने के लिए जेल भेजा गया था।