छोटे से बेटे को बचाने का समय ही नहीं मिला गौरतलब है कि क्रिसमस से ठीक पहले यहां अनाक क्राकातोआ ज्वालामुखी फटने से यहां भारी तबाही मची। इसके चलते आई सुनामी ने तटीय इलाके में काफी नुकसान पहुंचाया और 400 लोग मारे गए। जैक्सन का आठ महीने का बच्चा भी उन्हीं लहरों में समा गया। वह कहते हैं कि सब कुछ इतनी तेजी से हुआ कि उन्हें अपने छोटे से बेटे को बचाने का समय ही नहीं मिला।
40 लाख रुपये का बिल थमाया गया इस अस्पताल में तीन और ऐसे पीड़ित परिवार हैं जिन्हें 40 लाख रुपये का बिल थमाया गया, जबकि इंडोनेशिया के स्वास्थ्य मंत्रालय ने सुनामी आपदा से जुड़े सभी पीड़ितों के बिल चुकाने का ऐलान किया है, लेकिन अस्पतालों में पीड़ितों से मुर्दों का सौदा किया जा रहा है। बातेन प्रांत की पुलिस ने डॉक्टरों, फॉरेंसिक विशेषज्ञों और अस्पताल के कर्मचारियों से पूछताछ की और मामले की परतें खुलने लगीं। अनुमान है कि आपदा के बाद अस्पताल के कर्मचारियों की जेब में 1.5 करोड़ रुपया पहुंचा। अब तक इस तरह के फर्जीवाड़े का शिकार छह परिवारों की पहचान हो चुकी है।
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