लागू किए गए इस नए कानून के तहत कामगारों के अधिकार और उनके कामकाज के तरीकों में बदलाव लाने का प्रावधान किया गया है। इसी के खिलाफ हजारों लोग सड़कों ( Protes In Indonesia ) पर उतर आए हैं। देश के अलग-अलग हिस्सों में सरकार के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन किया जा रहा है।
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प्रदर्शनकारियों ने काम पर जाने से इनकार कर दिया है। इसके कारण पहले से ही कोरोना संकट से जूझ रही कंपनियां व कल-कारखान पूरी तरह ठप पड़ गए हैं। इन तमाम जगहों पर काम करने वाले मजदूर हड़ताल पर चले गए हैं। कई जगहों पर पुलिस व प्रदर्शनकारियों के बीच घड़प भी हुई है।
5 अक्टूबर को पास हुआ था बिल
बता दें कि इंडोनेशिया में श्रमिकों के लिए लाए गए बिल को संसद में बीते 5 अक्टूबर को पास किया गया है। यह बिल 900 से अधिक पन्नों का है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सरकार ने इस बिल के ड्राफ्ट को जनता के बीच लाए बिना ही पास कर दिया गया है।
मालूम हो कि इंडोनेशिया के तमाम सभी बड़े मजदूर यूनियन इस बिल का विरोध कर रहे हैं। देशभर के करीब 32 मजदूर संगठनों ने अगले तीन दिन के हड़ताल का आह्वान किया है। देश के कम से कम एक दर्जन से अधिक शहरों में व्यापक प्रदर्शन किया जा रहा है।
प्रदर्शनकारी सरकार से इस बिल को वापस लेने और उनकी सहमति के अनुरूप नए बिल लाने की मांग कर रहे हैं। फिलहाल, प्रदर्शनकारियों की तरफ से की जा रही मांग पर सरकार की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।