आईडीएफ प्रवक्ता जोनाथन कॉनरिकस ने कहा कि 2006 में लेबनान के साथ युद्ध शुरू होने के बाद हिज्बुल्ला ने लड़ाई के लिए व्यापक भूमिगत आधारभूत संरचना विकसित करना शुरू किया था। 2012 में हिज्बुल्ला ने ऑपरेशन ‘गलील विजय’ शुरू किया। दो साल बाद इज़राइल ने पाया कि समूह ने हमास – फिलीस्तीनी इस्लामवादी आंदोलन जो गाजा को नियंत्रित करता है, के साथ बारूदी सुरंगों की जानकारी साझा की थी। हिज्बुल्ला के बाद हमास ने गाजा पट्टी सीमा पर एक शक्तिशाली भूमिगत आधारभूत संरचना विकसित कर ली थी। इस खुलासे के बाद इजराइल ने अपनी उत्तरी कमान, कॉम्बैट इंजीनियरिंग कोर, हथियारों और तकनीकी बुनियादी ढांचे के विकास के लिए प्रशासन और सैन्य खुफिया बलों के साथ एक संयुक्त अभियान छेड़ा।
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सुरक्षित होगा इजराइली क्षेत्रकॉनरिकस ने कहा कि सुरंगें इजरायल की संप्रभुता के स्पष्ट उल्लंघन का प्रतिनिधित्व करती हैं और संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के विरुद्ध हिज्बुल्ला की उदासीनता का प्रदर्शन करती हैं। इजरायल के क्षेत्र में बिछाई गई ये सुरंगे समय रहते तलाश ली गईं। इजराइल के लिहाज से अच्छी बात यह है कि उन्हें परिचालन से पहले खोजा गया और इससे इजरायल की नागरिक आबादी के लिए कोई खतरा नहीं था।