एशिया

चीनी नीतियों की आलोचना पड़ी भारी, दो माह से लापता हैं अलीबाबा के जैक

वित्तीय नियामकों की आलोचना के बाद सरकार के निशाने पर आए कारोबारी
शी जिनपिंग से विवाद के बाद से गायब, सोशल मीडिया से भी दूर

Jan 05, 2021 / 10:17 am

Saurabh Sharma

Jack Maa missing for 2 month after Chinese policies criticized heavily

बीजिंग। चीन की सबसे बड़ी ई कॉमर्स कंपनी अलीबाबा और एंट ग्रुप के मालिक व दुनिया के 25वें सबसे अमीर जैक मा करीब दो माह से लापता हैं। अक्टूबर में शंघाई में उन्होंने वित्तीय नियामकों व सरकारी बैंकों की तीखी आलोचना की थी। उन्होंने ब्याजखोर तक कह दिया था। इसके बाद चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से विवाद भी हुआ था। इसके बाद चीनी सरकार ने उनकी कंपनी के खिलाफ एंटी-मोनोपॉली जांच की घोषणा कर दी।

इसके बाद लगातार कार्रवाई हो रही है, लेकिन अब जैक मा कहीं भी नजर नहीं आ रहे हैं, यहां तक कि सोशल मीडिया और सार्वजनिक कार्यक्रमों में भी नहीं। सरकारी शिकंजा कसने से उन्हें अक्टूबर के अंत से दिसंबर तक 11 अरब डॉलर यानी 80 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की आर्थिक नुकसान हो चुका है।

बुजुर्गों का क्लब हैं बैंकिंग नियम
जैक मा ने अक्टूबर 2020 में शंघाई में कार्यक्रम के दौरान जिनपिंग सरकार से आग्रह किया था कि बैंकिंग प्रणाली में बदलाव किया जो व्यापार में नए प्रयासों को दबाने का प्रयास करते हैं। वैश्विक बैंकिंग नियमों को बुजुर्गों लोगों का क्लब करार दिया था।

ऐसे कसा शिकंजा
– नवंबर में उनके एंट ग्रुप के 37 अरब डॉलर के आइपीओ को निलंबित कर दिया।
– सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी की सरकार ने उनकी कंपनी के खिलाफ जांच शुरू कर दी।
– 24 दिसंबर को जैक मा को जांच पूरी होने तक देश से बाहर जाने पर प्रतिबंध लगाया

खुद के टीवी शो से बाहर
– दिसंबर में कई कार्यक्रमों से आखिरी वक्त पर अतिथि व वक्ता की सूची से नाम हटाया।
– नवंबर में मशहूर शो अफ्रीका के बिजनेस हीरोज के एपिसोड से भी बाहर
– शो के पोस्टर से तस्वीर भी हटाई, शो प्रोड्यूस करने वाली कंपनी उन्ही की है
– ट्विटर पर तीन अकाउंट, दो माह से एक भी पोस्ट नहीं, लगातार करते थे ट्वीट

…तो क्या रेन झिकियांग सा हश्र होगा…
प्रॉपर्टी बिजनसमैन रेन झिकियांग ने शी जिनपिंग की कोरोना महामारी को लेकर आलोचना की थी। उन्होंने शी जिनपिंग को मसखरा बता दिया था। बाद में वह भी लापता हो गए थे। इसके बाद उनके खिलाफ व्यापक स्तर पर जांच के बाद भ्रष्टाचार का दोषी करार देकर 18 साल की सजा सुनाई गई। इससे पहले चीन के एक अन्य अरबपति शिआन जिआनहुआ वर्ष 2017 से नजरबंद हैं।

इन लोगों पर भी हो चुकी है कार्रवाई
मार्च 2020 : कोरोनावायरस की पहली चेतावनी देने वाले डॉक्टर ली वेनलियांग को मौत की सजा
जुलाई 2020 : प्रतिष्ठित सिन्हुआ यूनिवर्सिटी ने कानून के प्रोफेसर जू झानग्रेन को जिनपिंग की नीतियों की आलोचना करने पर बर्खास्त
सितंबर 2020 : आलोचना करने वाले बिजनेसमैन रेन झिकियांग को भ्रष्टाचार के आरोप में 18 साल की जेल की सजा
दिसंबर 2020 : लॉकडाउन के अनुभव लिखने के कारण सिटिजन जर्नलिस्ट वांग फांग को देशद्रोही बता चार साल की सजा

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