यह जानकारी समुद्री उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एमपीईडीए) ने दी है। जापान के स्वास्थ्य, श्रम और कल्याण मंत्रालय (एमएचएलडब्ल्यू) के खाद्य निरीक्षण और सुरक्षा इकाई ने जापान में भारतीय दूतावास, भारतीय निर्यात जांच परिषद और एमपीईडीए को यह जानकारी दी।
एमएचएलडब्ल्यू ने झींगा (इंडियन ब्लैक टाइगर) के लिए नमूने के बार-बार निरीक्षण की संख्या भी कम कर दी है। इसे कम कर 30 प्रतिशत तक कर दी है। यह पहले 100 प्रतिशत तक थी। झींगा मछली पूरी दुनिया में मशहूर है। इसे स्वादिष्ट समुद्री उत्पाद के रूप में देखा जाता है। भारत के समुद्री उत्पादों के निर्यात में यह अहम है। इसे ‘ब्लैक टाइगर’ श्रिंप या ‘एशियन टाइगर’ श्रिंप कहा जाता है। देश के कुल ‘ब्लैक टाइगर’ झींगा के निर्यात में जापान की हिस्सेदारी 40 प्रतिशत है। इसके अलावा यूरोपीय संघ और अमरीका भी बड़ा बाजार समझा जाता है।