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बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को झटका, जापान ने कहा अगर देरी हुई तो हम जिम्मेदार नहीं

Published: Mar 12, 2019 03:56:51 pm

Submitted by:

Mohit Saxena

– 2022 तक परियोजना के पूरा होने पर संशय – दिसंबर 2018 की डेडलाइन पहले ही मिस हो गई है – गुजरात और महाराष्ट्र सरकार की पहल का इंतजार

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बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को झटका, जापान ने कहा अगर देरी हुई तो हम जिम्मेदार नहीं

नई दिल्ली। जापान ने मुंबई-अहमदाबाद की बुलेट ट्रेन के लिए जमीन अधिग्रहण की धीमी प्रक्रिया पर चिंता जताई है। उसका कहना है कि 2022 तक अगर यह परियोजना पूरी नहीं हुई, तो इसके लिए वह जिम्मेदार नहीं होंगे। सोमवार को मुंबई में जापान के काउंसल जनरल रयोजी नोडा ने भूमि अधिग्रहण को लेकर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा, परियोजना शुरू होने की दिसंबर 2018 की डेडलाइन पहले ही मिस हो चुकी है। ऐसे में अगर 2022 तक परियोजना का काम खत्म नहीं होता है, तो इसके लिए वह कुछ नहीं कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि वह गुजरात और महाराष्ट्र सरकार की पहल का इंतजार कर रहे हैं। अभी तक दोनों सरकारों ने भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया में कोई तेजी नहीं दिखाई हैं। इसके कारण परियोजना में देरी होने की संभावना बनी हुई है। एक रिपोर्ट के अनुसार इस प्रकिया में जून 2019 तक का समय लग सकता है।
किसानों को 620 करोड़ का मुआवजा दिया

नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) को राज्य सरकारों के साथ मिलकर गुजरात में 612 हेक्टेयर, दादरा और नागर हवेली में 7.5 हेक्टेयर और महाराष्ट्र में 246 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित करनी है। इसके लिए गुजरात में 5404 लोगों को अपनी जमीन देनी होगी। इसमें सबसे अधिक 1196 लोग अहमदाबाद के हैं। इसके बाद खेड़ा में 783 लोग अपनी जमीन देंगे। परियोजना पर गुजरात के उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल ने 19 फरवरी को विधानसभा में कहा था कि अधिग्रहण के लिए 32 तालुका के 197 गांवों की जमीन का चुनाव किया गया है। अब तक किसानों की सहमति से 160 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जा चुका है। इसके लिए किसानों को 620 करोड़ का मुआवजा भी दिया जा चुका है।
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