2015 से सीरिया में बंधक था पत्रकार
जापान के विदेश मंत्री तारो कोनो ने एक संवाददाता सम्मेलन में बताया, ‘हमने जुम्पे यासुदा की सुरक्षा की पुष्टि की है। उन्हें 2015 में सीरिया में बंधक बना लिया गया था। वह तंदरुस्त हैं।’ कोनो ने विदेश मंत्रालय में संवाददाताओं को बताया, ‘हम उम्मीद करते हैं कि उन्हें जल्द से जल्द स्वदेश लाया जाएगा।’
सिविल वॉर को कवर करने गए थे सीरिया
गौरतलब है कि 44 वर्षीय यासुदा तीन साल पहले सिविल वॉर को कवर करने सीरिया गए थे, उसके बाद से ही वह लापता हो गए थे। तब से ही ये आशंका जताई जा रही थी कि सीरिया में घुसते ही आतंकवादियों ने उन्हें बंदी बना लिया था। इस रिहाई पर जापान के चीफ कैबिनेट सेक्रेटरी योशिहिदे सुगा ने भी बयान जारी किया। उन्होंने कहा कि कतर की सरकार ने भी जापान को सूचित किया कि यासुदा को रिहा कर दिया गया है।
पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या
बता दें कि हाल में एक अन्य पत्रकार की मृत्यु सुर्खियों में बनी हुई है। दरअसल दो अक्टूबर को पत्रकार जमाल खशोगी इस्तांबुल स्थित सऊदी अरब के वाणिज्यिक दूतावास गए थे और तभी से लापता थे। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस मुद्दे के चर्चा में आने के बाद सऊदी अरब ने दूतवास के भीतर खशोगी की हत्या की बात कबूली थी। सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या को जघन्य अपराध बताया है। वहीं ट्रंप समेत अन्य कई राजनेताओं ने इस घटना की निंदा करते हुए, दोषियों को बख्शे न जाने की अपील की है।