कम तापमान की वजह से हुई मौत फेसबुक पोस्ट में कहा गया, “कुरीकी से रेडियो संचार बंद हो गया और हम नीचे से अंधेरे में उनके हेडलैंप को नहीं देख पा रहे थे। कैंप दो के पास के दल ने उनकी मदद के लिए उनके मार्ग पर चढ़ाई की और पाया कि वह शरीर के कम तापमान की वजह से मर चुके हैं।”कुरीकी 7,400 मीटर की ऊंचाई पर पहुंचे थे।
2012 में गंभीर रूप से थे घायल कुरीकी को माउंट एवरेस्ट के पश्चिमी हिस्से पर 2012 के चढ़ाई के प्रयास के दौरान बर्फ से गंभीर नुकसान पहुंचा था। उन्होंने अपनी सभी अंगुलियां व एक अंगूठा खो दिया था। वह किसी
चीज को पकड़ने के लिए अपने दाहिने अंगूठे का इस्तेमाल करते थे, लेकिन वह आईस एक्स का इस्तेमाल पूरी तरह से करने में समर्थ नहीं थे। आईस एक्स बर्फ में पर्वतारोहियों के सुरक्षा उपकरण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
अजीज और दीया ने रचा इतिहास वहीं हरियाणा के गुरूग्राम के रहने वाले अजीज और दीया बजाज ने एक साथ माउंट एवरेस्ट पर चढ़कर इतिहास रच दिया है। अजीज और दीया भारत के ऐसे पहले बाप-बेटी हैं जिन्होंने एक साथ माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई की। अजीज और उनकी बेटी दीया की इस उपलब्धि को गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में शामिल किया गया है। माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई करने के बाद इन लोगों को काठमांडू में भारतीय दूतावास में सम्मानित भी किया गया। नेपाल में भारत के राजदूत मनजीव सिंह पुरी ने सोमवार को अजीज और दीया से मुलाकात की और इस सफलता के लिए बधाई दी।