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भारी बारिश से कैलाश मानसरोवर यात्रा प्रभावित, फंसे 1500 से अधिक तीर्थयात्री

locationनई दिल्लीPublished: Jul 03, 2018 12:36:05 pm

Submitted by:

mangal yadav

नेपाल में भारी बारिश से कैलाश मानसरोवर प्रभावित हुई है। कर्नाटक के 290 तीर्थयात्री समेत 1500 से अधिक श्रद्धालु फंस हुए हैं।

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भारी बारिश से कैलाश मानसरोवर प्रभावित, नेपाल में फंसे 290 तीर्थयात्री

काठमांडू। तेज बारिश की वजह से 1575 तीर्थयात्री फंस गए हैं। सिमीकोट में 525, हिलसा में 550 और तिब्बत साइड में 500 श्रद्धालु फंसे हुए हैं। इन श्रद्धालुओं में 290 यात्री कर्नाटक के हैं जिन्हें नेपाल में रोका गया है। नेपाल में भारतीय मिशन ने सभी टूर ऑपरेटर्स को ज्यादा से ज्यादा यात्रियों को तिब्बत की तरफ रोकने को कहा है, क्योंकि तिब्बत में नेपाल से बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मौजूद हैं।

हॉटलाइन नंबर जारी
विदेश मंत्रालय ने श्रद्धालुओं के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए अलग-अलग भाषाओं के लिए हॉटलाइन नंबर जारी किए हैं। कन्नड़ के लिए +977 9823672371, तेलगू के लिए +977 9808082292 और मलयालम के लिए +977 9808500644 पर जानकारी ली जा सकती है। इसके अलावा +977-9851107006, +977 9851107021 और +977 9818832398 पर भी श्रद्धालुओं के बारे में जानकारी मिल सकती है।

नेपाल में यात्रियों का इलाज
सिमीकोट में फंसे भारतीय तीर्थयात्रियों को रोका गया है। भारतीय दूतावास की मदद से 250 तीर्थयात्रियों के स्वास्थ्य की जांच की गई है। दूतावास ने कहा है कि तीर्थयात्रियों की हरसंभव मदद की जा रही है। बताया जा रहा है कि कर्नाटक आपात अभियान केंद्र और राजस्व विभाग (आपदा प्रबंधन) ने भारत सरकार को नेपाल में इन तीर्थयात्रियों के फंसे होने की जानकारी दी। इसके बाद भारतीय दूतावास से संपर्क साधा गया। फिलहाल सभी यात्री सुरक्षित हैं।

एक तीर्थयात्री की कल हुई थी मौत
बताया जा रहा है कि कैलाश मानसरोवर की यात्रा से लौटने के दौरान एक भारतीय महिला की नेपाल के सिमिकोट में मौत हो गई थी। महिला की मौत की वजह ऑक्सीजन का स्तर कम होना बताया गया। मृतका केरल की रहने वाली थी।

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ऐसे की जाती है यात्रा
दरअसल कैलाश मानसरोवर की यात्रा दिल्ली से शुरू की जाती है। यहां पर सभी तीर्थयात्रियों की स्वास्थ्य जांच होती है उसके बाद बस के द्वारा यात्रियों को उत्तराखंड भेजा जाता है। चीन की सीमा से सटे धारचूला से यात्रियों को दुर्गम पहाड़ी रास्तों से होकर कैलाश मानसरोवर जाना होता है। हालांकि इस बार की तीर्थयात्रा कई मायने में अलग है। इस बार तीर्थयात्रियों के लिए हेलीकॉप्टर की व्यवस्था की गई है। पैदल जाने वाले यात्रियों को कम से कम 36 किलोमीटर का पैदल सफर करना पड़ता है।

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