जज शेख सज़ाद अहमद द्वारा जारी आदेश के मुताबिक इमरान अली को निर्धारित तारीख को ही मौत की सजा दी जाएगी। इस समय इमरान को फांसी पर लटकाये जाने से पहली की कानूनी औचारिकताएं पूरी की जा रही हैं। बता दें कि इमरान अली ने कसूर की एक नाबालिग लड़की को जनवरी में ट्यूशन सेंटर के रास्ते से अगवा कर लिया था। उसके गायब होने के कुछ दिन बाद उसका शव एक कचरा डंप बॉक्स में बरामद हुआ था। जांच के बाद पता चला कि लड़की का रेप कर उसे मार डाला गया था। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के अनुसार नाबालिग लड़की को मारने से पहले उसके साथ कई बार बलात्कार किया गया था। इस घटना के पाकिस्तान उबल पड़ा था और कसूर सहित अन्य प्रमुख शहरों में बड़े विरोध प्रदर्शन किए। बाद में पुलिस ने इमरान अली को नाबालिग के रेप और मर्डर के मामले में अरेस्ट किया।
एटीसी ने इमरान अली को नाबालिग लड़की के यौन उत्पीड़न करने का दोषी पाया। बाद में उसे एक नाबालिग के साथ अप्राकृतिक कृत्य करने के लिए मौत की सजा दी गई। दोषी ने पहले लाहौर उच्च न्यायालय में अपील की थी कि और कहा था कि उसके खिलाफ दी गई सजा को ख़ारिज कर दिया जाए। लेकिन लाहौर उच्च न्यायालय ने उसकी याचिका खारिज कर दी थी। उसके बाद जून में पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट ने नाबालिग के साथ क्रूर बलात्कार और हत्या के लिए इमरान अली को दी गई मौत की सजा पर मुहर लगते हुए कहा कि समज में ऐसे लोगों को जीने का कोई हक नहीं है।