17 वर्षीय की मौत
जानकारी के मुताबिक 17 वर्षीय पार्बती बोगाटी को माहवारी में सदियों पुरानी परंपरा के तहत एक बिना खिड़की वाले झोपड़ी में रहना था। उसने सोने से पहले उस झोपड़ी को गरम रखने के लिए आग सुलगाई थी, लेकिन नींद में धुएं के कारण उसका दम घुट गया और उसकी मौत हो गई। आपको बता दें कि नेपाल में इस प्रथा पर आधिकारिक रूप से बैन लगा दिया गया है, इसके बावजूद वहां के कई ग्रामीण इलाकों में ये आज भी मौजूद है।
अधिकारियों की चेतावनी
इससे कुछ हफ्ते पहले भी एक 35 वर्षीय औरत की उसके दो बच्चों के साथ ऐसी ही घटना में मौत हो गई थी। इसके बाद ही प्रशासन ने संसदीय जांच बुलाने का फैसला किया। साथ ही स्थानीय अधिकारियों ने वहां के सभी परिवारों को भी ये चेतावनी जारी की कि अगर उन्होंने इस प्रथा को जारी रखा तो उन्हें राज्य से मिलने वाले लाभ भी बंद कर दिए जाएंगे।
सरकार पर उठ रही उंगलियां
लगातार सामने आ रही ऐसी घटनाओं के बाद मानवाधिकार समूह ने सरकार पर उचित कार्रवाई न करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि ऐसे मामलों के लिए पर्याप्त सजा का प्रावधान नहीं है, और नाहीं कोई क्लियर प्लानिंग है जिससे ये प्रथा मिटाई जा सके। नेपाल की राष्ट्रीय महिला मानवाधिकार संरक्षक समिति की रेनु अधिकारी ने कहा कि प्रशासन इसमें और प्रयास करने की जरूरत है और वो कर भी सकते हैं।