बारिश के बावजूद उमड़ा लोगों का सैलाब
स्थानीय मीडिया के मुताबिक, बारिश के बावजूद विक्टोरिया पार्क प्रदर्शनकारियों से भर गया था। यही नहीं, इसके बाद भी लोगों के आने का सिलसिला जारी रहा और इस तरह पार्क के बाहर सभी सड़कें भी प्रदर्शनकारियों से भर गईं। आपको याद दिला दें कि विरोध प्रदर्शन एक प्रत्यर्पण विधेयक के खिलाफ शुरू हुआ है। हालांकि, अभी तक हांगकांग सरकार ने इस बिल को निलंबित कर दिया है।
बिना अनुमति ही निकाली रैली
रिपोर्ट में बताया गया कि रैली में शामिल होने जा रहे प्रदर्शनकारियों से सबवे रेलवे स्टेशन भर गए। संख्या इतनी अधिक थी कि बाद में स्टेशन को बंद करना पड़ा। बताया जा रहा है कि प्रशासन ने आयोजक सिविल ह्यूमन राइट फ्रंट को मार्च निकालने की अनुमति नहीं दी थी, लेकिन पार्क में इतनी बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी जमा हो गए कि वहां की सड़कें भी प्रदर्शनकारियों से भर गईं। पुलिस ने हालांकि विक्टोरिया पार्क में प्रदर्शन की अनुमति दी थी।
10 हफ्तों से जारी है संघर्ष
इस बारे में बताते हुए वांग नामक एक प्रदर्शनकारी ने कहा, ‘हम दो महीने से अधिक समय से संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन सरकार की तरफ से कोई जवाब नहीं आया है। हम बस बार-बार प्रदर्शन कर रहे हैं।’ गौरतलब है कि प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच पिछले 10 हफ्तों के दौरान संघर्ष हुए हैं। इस दौरान सुरक्षा बलों ने आंसूगैस के गोले और रबर की गोलियां दागे हैं। हालांकि, इस वीकेंड पर हुई रैलियां शांतिपूर्ण रही हैं।
विरोध प्रदर्शन आतंकी गतिविधि: चीन
दूसरी ओर, चीन ने इन विरोध प्रदर्शनों को आतंकी गतिविधि करार दिया है। उसने शेनझेन के पास सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ा दी है। दरअसल, पिछले हफ्ते प्रदर्शनकारियों ने हवाईअड्डे पर कब्जा कर लिया था, जिसके कारण सैकड़ों उड़ानें रद्द करनी पड़ी थीं। यही नहीं, इस घटनाक्रम ने एशिया के एक प्रमुख वित्तीय केंद्र को संकट में डाल दिया है। कई सारे व्यापारिक प्रतिष्ठान हिंसा के डर से रविवार को बंद रहे।
15 जून को सस्पेंड हुआ था बिल
गौरतलब है कि हांगकांग सरकार के प्रत्यर्पण विधेयक को लेकर जून में विरोध प्रदर्शन भड़क उठा था। प्रशासन ने मसौदा विधेयक को 15 जून को वापस ले लिया और शहर के नेता कैरी लैम ने बाद में इसे रद्द घोषित कर दिया, तभी से प्रदर्शनकारी इस मुद्दे को लेकर सड़क पर उतर आए हैं।