स्थानीय समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने अमर सिंह इशार के हवाले से बताया, ‘जांच में शरारत का मामला सामने आया है। पुलिस ने स्कूल परिसर के आसपास के वीडियो फुटेज निकाल कर जांच की थी। वारदात के समय वीडियो में नजर आ रहे लोगों को पहचान की गई। इसके बाद उनके बारे में जानकारी जुटाकर पूछताछ की गई थी। इस संबंध में सात किशोरों को गिरफ्तार किया गया है।’ अमर सिंह ने बताया कि इन संदिग्धों का धार्मिक स्कूल के लोगों से झगड़ा था और इन्होंने बदला लेने के लिए आग लगा दी। उन्होंने इस मामले में और जानकारी नहीं दी है। उन्होंने बताया कि ये सातों संदिग्ध स्कूल में पढ़ाई नहीं कर रहे थे। छह संदिग्धों की जांच में पाया गया कि ये ड्रग्स लेते हैं जबकि दो का आपराधिक रिकॉर्ड भी है।
वहीं अधिकारियों का कहना है कि ये घटना पिछले 20 सालों में देश में हुई आग की घटनाओं में सबसे भयंकर रही है। मलयेशिया में हाल के दिनों में लगातार आग लगने की घटनाओं पर मलयेशियाई प्रशासन ने निजी स्कूलों के सुरक्षा उपायों पर अपनी चिंता जताई है। स्थानीय मीडिया में आई रिपोट्र्स के मुताबिक 2015 से अब तक 200 बार आग लगने की ऐसी घटनाएं हुई हैं। वहीं मलयेशिया के प्रधानमंत्री नजीब रज्जाक ने भी गुरुवार को ट्वीट कर हादसे में जान गवांने वाले बच्चों और शिक्षकों को श्रद्धांजली अर्पित करते हुए परिजनों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की है।