हालांकि कोर्ट के बाहर अब्दुल्ला के दर्जनों समर्थक इकट्ठा होकर जमकर नारेबाजी की और कहा कि वे निर्दोष हैं। पांच साल के लिए काफी कठोर शासन चलाने वाले अब्दुल्ला यामीन पिछले साल अप्रत्याशित रूप से चुनाव हार गए थे। उनके कार्यकाल के दौरान कई सौदों पर जांच का सामना करना पड़ा था।
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अबदुल्ला पर होटल के विकास के लिए कई उष्णकटिबंधीय द्वीपों को पट्टे पर देने के सौदे के तहत एक निजी कंपनी के माध्यम से 1 मिलियन डॉलर सरकारी धन प्राप्त करने का आरोप लगाया गया था। हालांकि वे बार-बार इस आरोप को खारिज करते रहे हैं।
पांच जजों की बेंच ने सुनाया फैसला
मालदीव की एक कोर्ट ने पांच जजों की बेंच ने अब्दुल्ला पर लगे मनी लॉंड्रिंग मामले की सुनवाई की। सुनवाई करने वाली बेंच की अगुवाई करने वाले जज अली राशीद (Judge Ali Rasheed), ने कहा कि आपराधिक कोर्ट ने साफ कर दिया था कि यामीन ने कंपनी से पैसा लिया था और उन्हें पता था कि यह पैसा राज्य से गबन किया गया है।
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राशीद ने कहा कि इस मामले पर जजों ने 10 दिन का समय लिया और इसकी जांच-पड़ताल करने के बाद पांच न्यायाधीशों ने सर्वसम्मत फैसला लिया है।
हिंद महासागर द्वीप देश मालदीव को यामीन ने 2013-2018 के अपने कार्यकाल के दौरान चीन के काफी करीब पहुंचाया।इस पर विपक्षी आलोचकों ने उन पर अनुबंध देने का आरोप लगाया, जिसमें प्रमुख पुल और अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का विस्तार आदि चीनी कंपनियों को दिया गया। हालांकि अब्दुल्ला ने किसी भी गलत काम से इनकार किया है।
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