scriptमालदीव: पूर्व राष्ट्रपति नशीद की राजनीति में जबरदस्त वापसी, यमीन की पार्टी को दिया बड़ा झटका | Maldives: President Nasheed's party shows good performance | Patrika News

मालदीव: पूर्व राष्ट्रपति नशीद की राजनीति में जबरदस्त वापसी, यमीन की पार्टी को दिया बड़ा झटका

locationनई दिल्लीPublished: Apr 08, 2019 12:38:14 pm

Submitted by:

Mohit Saxena

नशीद की पार्टी दो तिहाई से ज्यादा बहुमत पाने में कामयाब हुई
देश लौटने के महज पांच माह के भीतर दिखाया बेहतरीन प्रदर्शन
कहा, भ्रष्टाचार खत्म करना और स्थायी सरकार देना उनकी प्राथमिकता

maldiev

मालदीव: पूर्व राष्ट्रपति नशीद की राजनीति में जबरदस्त वापसी, पूर्व राष्ट्रपति यमीन की पार्टी को दिया बड़ा झटका

माले। मालदीव में हुए संसदीय चुनाव में लंबे समय बाद निर्वासन से लौटे पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद की पार्टी ने प्रचंड जीत हासिल की है। नशीद की पार्टी मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) संसद में दो तिहाई से ज्यादा बहुमत हासिल करने में कामयाब हुई है। शनिवार को संसद के लिए मालदीव में मतदान हुआ था। देश लौटने के महज पांच माह के भीतर नशीद और उनकी पार्टी ने राजनीति में जबरदस्त वापसी की है। यह पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला यमीन के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
भारत ने फिर ठुकराया चीन का न्योता, बीआरआई की बैठक में नहीं होगा शामिल

समर्थकों के बीच खुशी की लहर

चुनाव में यमीन की प्रोगेसिव पार्टी ऑफ मालदीव (पीपीएम) दहाई का आंकड़ा भी नहीं पार कर सकी। पार्टी को मिली ऐतिहासिक जीत के बाद राजधानी माले में समर्थकों के बीच खुशी की लहर है। इस दौरान 51 वर्षीय नशीद ने कहा कि सुधार,सरकारी भ्रष्टाचार खत्म करना और देश में स्थायी सरकार देना उनकी प्राथमिकता है। नशीद ने वादा किया कि वह उनकी पार्टी को मिले जनादेश का इस्तेमाल हिंद महासागर के इस द्वीप में स्थिरता लाएंगे। इसके साथ लोकतंत्र के नए युग की शुरुआत करेंगे।
जनमत का पहला परीक्षण था

नशीद के प्रतिद्वंद्वी पूर्व राष्ट्रपति यमीन को पांच साल के कार्यकाल के बाद सत्ता से बेदखल कर दिया गया था। जिसके बाद शनिवार का चुनाव जनमत का पहला परीक्षण था। यमीन मनी लॉन्ड्रिंग और गबन के आरोपों का सामना कर रहे हैं। संसदीय चुनाव में नशीद की पार्टी को मिली जीत के पीछे यमीन के कार्यकाल में भ्रष्टाचार बताया जा रहा है। पूर्व उपराष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह ने बीते साल सितंबर के राष्ट्रपति चुनाव में यमीन को हराकर अप्रत्याशित जीत हासिल की थी,जिसके बाद नशीद की देश वापसी संभव हो सकी। राष्ट्रपति रहते यमीन ने नशीद को चुनाव लड़ने से रोक दिया था।
मले के डर से पाक ने भारतीय राजनयिक को भेजा समन, भारत ने कहा- आतंकियों पर करें कार्रवाई

नशीद को माना जाता है भारत का समर्थक

भारत और चीन के बीच नशीद को भारत का समर्थक माना जाता है। वहीं, यमीन हमेशा भारत के विरोधी चीन के पाले में खड़े दिखे। यमीन के राष्ट्रपति रहते मालदीव और भारत के रिश्तों में दूरियां आ गई थी। 2015 में नशीद पर मालदीव की आतंकवाद निरोधी कानूनों के अंतर्गत कई आरोप लगाए गए थे। मालदीव में कई आरोपों का सामना करने वाले नशीद को 2016 में ब्रिटेन ने अपने यहां शरण भी दी। इसके बाद वह श्रीलंका में भी निर्वासन में थे।
विश्व से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook पर Like करें, Follow करें Twitter पर ..

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो