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PoK में फिर उठी पाकिस्तान के खिलाफ आवाज, हुजा में हजारों की तादाद में प्रदर्शनकारी इकट्ठा

Published: Dec 05, 2018 12:27:45 pm

Submitted by:

Shweta Singh

इस विरोध प्रदर्शन में भाग लेने वाले प्रदर्शनकारी पाक सुरक्षा बलों से पीओके और गिलगिट-बाल्टिस्तान को रिहा करने की मांग की है।

Massive protest against Pakistan in Hunza demanding basic rights

PoK में फिर उठी पाकिस्तान के खिलाफ आवाज, हुजा में हजारों की तादाद में प्रदर्शनकारी इकट्ठा

इस्लामाबाद। पाकिस्तान कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के लोगों में पाकिस्तान के खिलाफ गुस्सा जगजाहिर है। आए दिन लोगों में पाक प्रशासन के खिलाफ आक्रोश कई माध्यमों से देखने को मिल जाता है। ताजा जानकारी के मुताबिक वहां एक बार फिर पाकिस्तान के खिलाफ आंदोलन ने जोर पकड़ा हैं। जानकारी के मुताबिक हूजा क्षेत्र में भारी संख्या में प्रदर्शनकारी इकट्ठा होकर पाक के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।

पीओके और गिलगिट-बाल्टिस्तान को रिहा करने की मांग

इस विरोध प्रदर्शन में भाग लेने वाले प्रदर्शनकारी पाक सुरक्षा बलों से पीओके और गिलगिट-बाल्टिस्तान को रिहा करने की मांग रखी है। इसके साथ उनकी डिमांड है कि उन्हें बुनियादी तथा संवैधानिक अधिकार मिले। वहां के कई सामाजिक कार्यकर्ता पीओके को आजादी दिलाने के लिए काफी समय से संघर्ष कर रहे हैं।

पाक सेना के विरोध में नारेबाजी

इससे पहले भी पीओके के लोगों ने लंदन में ब्लैक डे बनाया था। लंदन स्थित पाक उच्चायोग के बाहर विरोध प्रदर्शन करते हुए उन्होंने पाकिस्तानी सुरक्षा बलों से पीओके और गिलगिट-बाल्टिस्तान छोड़ने की मांग की। वहां आए प्रदर्शनकारियों ने पाक सेना के विरोध में नारेबाजी भी की।

1947 में आज के ही दिन हुआ था विभाजन

बता दें कि साल 1947 से ही पाकिस्तान ने इस पूरे इलाके अवैध कब्जा कर रखा है। इसका ही विरोध करने के लिए जम्मू-कश्मीर नेशनल अवामी पार्टी के अध्यक्ष सज्जाद रजा की अगुवाई में लोग प्रदर्शन कर रहे हैं। इस पर सज्जाद ने अपने बयान में कहा कि ये विरोध इसलिए है क्योंकि 1947 में आज के ही दिन हमारे राज्य का विभाजन किया गया। उसके बाद से ही साजिशन हमारा लगातार दमन किया जा रहा है। उनका कहना है कि हम इस प्रदर्शन के जरिए दुनिया को ये पैगाम देने की कोशिश कर रहे हैं कि हमारे लोगों के साथ इस तरह की क्रूरता और बर्बरता अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने संघर्ष जारी रखने की अपील की। इस प्रदर्शन के दौरान ‘क्या आजाद कश्मीर सच में आजादी है’ और ‘पीओके में बुनियादी मानवाधिकारों और सामाजिक अधिकारों की पुनर्स्थापना’ जैसे बैनर लहराते नजर आए।

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