इस जानकारी पर उठ रहे हैं कई सवाल
हालांकि, इस जानकारी में ऐसे कई खामियां हैं, जिससे इस दावे पर सवाल उठ रहे हैं। सबसे पहला सवाल है कि क्या उनकी यूनिफॉर्म से भी उनकी पहचान पाक पायलट में नहीं हो सकी। दूसरा सवाल कि क्या पायलट अपनी भाषा और उसके लहजे से भीड़ को ये यकीन नहीं दिला पाए कि वो पाक के ही हैं। इसके अलावा सबसे जरूरी बात की क्या पायलट ने अपने पास मौजूद किसी आधिकारिक दस्तावेज की मदद से भी अपनी सच्चाई सबको नहीं बता पाए थे। इसके साथ ही ये सवाल भी उठता है कि जब पाक सेना के जवान भारतीय वायु सेना के विंग कमांडर अभिनंदन को भीड़ से बचाने में कामयाब हो सकते हैं, तो वो अपने देश के पायलट की मदद के लिए क्यों नहीं पहुंच पाए।
मीडिया रिपोर्ट में किया जा रहा है ये दावा
आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर के बडगाम में बीते 27 फरवरी को पाकिस्तानी सेना की ओर से हमले हुआ था, जिसकी जवाबी कार्रवाई करते वक्त भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर अभिनंदन पाक के कब्जें में चले गए थे। शुक्रवार को अभिनंदन वाघा बॉडर के रास्ते भारत लौट चुके हैं। हालांकि इसके बाद से ये खबर भी आने लगी थी कि पीओके में गिरे पाकिस्तानी विमान एफ-16 के पायलट को वहां की भीड़ ने भारतीय समझा और उसपर हमला कर दिया। इसके बाद ये भी जानकारी मिल रही है कि उस पायलट की मौत हो गई है। बताया गया कि पाकिस्तानी फाइटर जेट एफ-16 के क्रैश होने के बाद पायलट शहाजुद्दीन पैराशूट के जरिए बाहर निकले थे और उसकी मदद से वो पीओके पहुंचे थे। लेकिन, यहां लोगों ने उन्हें भारतीय पायलट समझकर मार डाला। यही नहीं, कहा जा रहा है कि जब तक लोगों को उनके पाकिस्तानी होने का पता चला था, तब तक काफी देर हो चुकी थी।
इस फेसबुक पोस्ट के हवाले से हो रहा है दावा
आपको बता दें कि इस बात का दावा लंदन में बसे एक वकील खालिद उमर के पोस्ट के आधार पर किया जा रहा है। खालिद की पोस्ट इस वक्त सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में भी उमर के दावे को शामिल किया गया। इसके मुताबिक, एफ-16 को पाक वायुसेना की 19वीं स्क्वाड्रन का पायलट शहजाजुद्दीन उड़ा रहा था। इस स्क्वाड्रन को ‘शेर दिल्स’ भी कहा जाता है।